Madhya Pradesh Elections: भाजपा ने दिग्गजों को मैदान में उतारकर गुटबाजी को रोका !

मध्य प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी द्वारा दिग्गजों को मैदान में उतारने का प्रयोग पहली नजर में सफल होता नजर आ रहा है, उसकी वजह भी है क्योंकि भाजपा में पनपी गुटबाजी पर इस प्रयोग से काफी हद तक रोक लगी है.

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भोपाल, 25 अक्टूबर : मध्य प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी द्वारा दिग्गजों को मैदान में उतारने का प्रयोग पहली नजर में सफल होता नजर आ रहा है, उसकी वजह भी है क्योंकि भाजपा में पनपी गुटबाजी पर इस प्रयोग से काफी हद तक रोक लगी है. राज्य विधानसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी 230 सीटों में से 228 के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. इनमें पार्टी के कई ऐसे दिग्गज मैदान में उतारे गए हैं जो अब तक कई नेताओं के भविष्य का फैसला करते आ रहे हैं. इनमें प्रमुख हैं, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय.

इसके साथ ही चार सांसदों को भी पार्टी ने मैदान में उतारा है. पार्टी ने जब इन दिग्गजों को मैदान में उतारा था तो कई तरह के सवाल उठे थे. अब, धीरे-धीरे तस्वीर साफ होने लगी है भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राज्य की राजनीति में तीनों केंद्रीय मंत्री के अलावा राष्ट्रीय महासचिव का काफी दखल रहा है. इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव में तो यह नेता अपनी पसंद के उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का जोर लगाते थे. इतना ही नहीं पार्टी के भीतर गुटबाजी को भी जन्म देते थे. यह भी पढ़ें : वन्यजीवों से जुड़ी वस्तुएं रखने की शिकायत के बाद अभिनेता दर्शन, एमपी जग्गेश जांच के दायरे में

मगर, राष्ट्रीय नेतृत्व के फैसले ने इन नेताओं को ही चुनाव के जाल में उलझा कर रखा है. इसका नतीजा यह हो रहा है कि राज्य में गुटबाजी का हिस्सा बने नेता अपने-अपने आका के प्रचार में ही जुटने को मजबूर हो गए हैं. सूत्रों का दावा है कि प्रारंभिक तौर पर जमीनी स्तर से जो फीडबैक आया है, उम्मीदवारों के निर्धारण के बाद वह पार्टी को अपने फैसले पर खुश करने वाला है. इसकी वजह बड़ी है कि बड़े नेताओं के मैदान में उतरने से एक तरफ जहां आसपास की सीटें मजबूत हो रही हैं तो वहीं दूसरी सीटों पर गुटबाजी पनप नहीं पा रही है.

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