Madhya Pradesh: सीएम मोहन यादव ने की सरकारी स्कूलों के प्रवेश उत्सव की शुरुआत

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नए सत्र की शुरुआत के साथ ही 'स्कूल चलें हम' अभियान के तहत मंगलवार को राज्य स्तरीय प्रवेश उत्सव कार्यक्रम की मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुरुआत की. यह कार्यक्रम तीन दिन तक चलेगा.

CM Mohan Yadav (img: ANI)

भोपाल 18 जून : मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नए सत्र की शुरुआत के साथ ही 'स्कूल चलें हम' अभियान के तहत मंगलवार को राज्य स्तरीय प्रवेश उत्सव कार्यक्रम की मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुरुआत की. यह कार्यक्रम तीन दिन तक चलेगा.

राजधानी के सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री यादव ने बच्चों को तिलक लगाकर, पुस्तक भेंट कर और दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की. उन्होंने कहा, "मेरी भी पूरी शिक्षा सरकारी संस्थानों में हुई है. सरकारी विद्यालयों को सुविधा संपन्न बनाने की मेरी इच्छा और उत्कंठा है. उन्होंने कहा कि 369 राइज स्कूल शुरू किए गए हैं . इन विद्यालयों में आधुनिक संसाधन उपलब्ध हैं. इन विद्यालयों की हम समीक्षा करने वाले हैं और अन्य विद्यालयों में भी न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले हैं. यह भी पढ़ें : Himachal Horrific Accidents: हिमाचल में भीषण हादसे में शख्स की मौत, शरीर दो टुकड़ों में कटा

स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा, "सरकार बच्चों को स्कूलों में बेहतर सुविधाएं देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. तीन दिन तक शासकीय विद्यालयों में विविध कार्यक्रम किए जाएंगे. इस दौरान जनप्रतिनिधि और बच्चों के अभिभावक भी विद्यालय पहुंचेंगे." जनजातीय मंत्री विजय शाह ने मुख्यमंत्री के समक्ष सभी सरकारी तथा निजी विद्यालयों और मदरसों में नियमित रूप से राष्ट्रगान और झंडा वंदन की मांग रखी. राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के 'स्कूल चलें हम' अभियान के तहत तीन दिवसीय प्रवेश उत्सव के दौरान विविध गतिविधियां आयोजित की जाएंगी.

प्रवेश उत्सव के पहले दिन मंगलवार को क्षेत्रीय विधायक और सांसद किसी एक शाला में सहभागिता कर रहे हैं. दूसरे दिन बुधवार को सभी शालाओं में अभिभावकों के साथ विद्यालय की गतिविधियों पर चर्चा की जाएगी. साथ ही उन्हें उपलब्ध सुविधाओं की भी जानकारी मुहैया कराई जाएगी. राज्य सरकार की ओर से अभिभावकों को पत्र वितरित किए जाएंगे. इसके अलावा स्टेशनरी सामग्री के संबंध में अभिभावकों को जानकारी दी जाएगी और निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण किया जाएगा. अभियान के तीसरे और अंतिम दिन संबंधित क्षेत्र के प्रभावशाली प्रबुद्ध जनों को विद्यार्थियों से भेंट करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा. साथ ही प्रथम अथवा द्वितीय श्रेणी के अधिकारी शालाओं में पहुंचकर बच्चों को शिक्षा देंगे.

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