भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लोगों को सरकारी नौकरी में 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह (Dr. Govind Singh) ने नौकरियों में ओबीसी को दिए जा रहे आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 किए जाने का मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) लोकसेवा (अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गो के आरक्षण) संशोधन विधेयक पेश किया. इस संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.
डॉ. सिंह ने संशोधन विधेयक को पेश करते हुए कहा कि ओबीसी के आरक्षण को बढ़ाकर 14 से 27 प्रतिशत किया गया है, इस तरह राज्य में विभिन्न जातियों को दिए जाने वाले आरक्षण का प्रतिशत 70 प्रतिशत के पार पहुंच गया है. उन्होंने बताया कि कई अन्य राज्य भी हैं, जहां नौकरियों में 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण है.नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने पिछड़ा वर्ग को दिए गए आरक्षण में से 7 प्रतिशत आरक्षण अति पिछड़ों को दिए जाने पर जोर दिया। इस पर सरकार ने विचार करने का भरोसा दिलाया. यह भी पढ़े: सीएम जगनमोहन रेड्डी का बड़ा ऐलान, आंध्र प्रदेश में अब प्राइवेट नौकरियों में 75% स्थानीय युवाओं को मिलेगा आरक्षण
जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने कहा कि सरकार ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है. पहले सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण का फैसला हुआ और अब पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक पारित किया गया. प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय यादव ने विधानसभा में पारित संशोधन विधेयक को कमलनाथ सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि राज्य में पिछड़ा वर्ग से नाता रखने वाले भाजपा के तीन मुख्यमंत्री रहे और वे 15 साल में जो काम नहीं कर सके, वह मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) के नेतृत्व वाली सरकार ने सात माह में कर दिया. प्रदेश सरकार ने ओबीसी के लिए आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में पारित किया था.