मध्य प्रदेश सरकार हड़ताल दिवसों को अवकाश अवधि के रूप में करेगी स्वीकार, 10 लाख कर्मचारियों को होगा लाभ
मध्य प्रदेश सरकार हड़ताल दिवसों को अवकाश अवधि के रूप में स्वीकृत करने जा रही है. इससे राज्य के लगभग 10 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा और उन्हें इस अवधि के वेतन का भुगतान किया जाएगा. इसके चलते सरकार पर डेढ़ हजार करोड़ रुपये से अधिक का भार आने की संभावना है
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार हड़ताल दिवसों को अवकाश अवधि के रूप में स्वीकृत करने जा रही है. इससे राज्य के लगभग 10 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा और उन्हें इस अवधि के वेतन का भुगतान किया जाएगा. इसके चलते सरकार पर डेढ़ हजार करोड़ रुपये से अधिक का भार आने की संभावना है. राज्य में बीते वर्ष के दौरान विभिन्न संवर्गो के कर्मचारियों ने अपने-अपने संगठनों के आह्वान पर आंदोलन और हड़ताल किए थे. इस हड़ताल अवधि के वेतन में तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने कटौती कर दी थी. कर्मचारी संगठन लगातार मांग करते आ रहे थे कि हड़ताल अवधि को अवकाश स्वीकृत कर वेतन का भुगतान किया जाए.
राज्य सरकार ने अब आंदोलनों की अवधि को अवकाश मंजूर करने का निर्णय लिया है. इस संदर्भ में राज्य के सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने विभाग को हड़ताल अवधि का वेतन कर्मचारियों को देने के निर्देश दिए थे.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकार के निर्देश पर गुरुवार को हड़ताल अवधि के दिवसों को अवकाश मानने का आदेश जारी कर दिया है.
सरकार के इस निर्णय का लाभ राज्य के लगभग 10 लाख कर्मचारियों को मिलेगा. वर्तमान में चार लाख नियमित कर्मचारी हैं. इसके अलावा ढाई लाख अध्यापक संवर्ग से हैं, और डेढ़ लाख अन्य विभागों में संविदा कर्मचारी हैं. कार्यभारित कर्मचारी 40 हजार, निगम मंडल के 40 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं. इसके अलावा अतिथि विद्वान, अतिथि शिक्षक भी हैं. कुल मिलाकर कर्मचारियों व संविदा संवर्ग के कर्मचारियों की संख्या 10 लाख के करीब है.
मंत्रालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक का कहना है, "सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले ही हड़ताल अवधि को अवकाश स्वीकृत करने का निर्णय लिया था. कई संगठनों से जुड़े कर्मचारी इससे वंचित रह गए थे, उसी के आधार पर अब सरकार ने अवकाश स्वीकृत करने का निर्णय लिया है."
वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है, "राज्य के कर्मचारी संगठनों ने अलग-अलग अवधि के आंदोलन किए थे. किसी संगठन का आंदोलन 12 दिन तो किसी का 11 दिन और एक आंदोलन 33 दिन चला था. इसलिए औसत तौर पर आंदोलन की अवधि 15 से 20 दिन ही हो सकती है. राज्य में कर्मचारियों को हर माह ढाई हजार करोड़ रुपये बतौर वेतन दिए जाते हैं. इसलिए इस निर्णय से सरकार पर डेढ़ हजार करोड़ रुपये का भार आ सकता है."
कर्मचारी कांग्रेस के संभागीय अध्यक्ष राजेंद्र मिश्रा का कहना है, "सरकार ने हड़ताल अवधि को अवकाश स्वीकृत किया है, जिससे कर्मचारियों को लाभ होगा. कर्मचारी लंबे अरसे से अवकाश स्वीकृत करने की मांग कर रहे थे, जो पूरी हुई है."
भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश संगठन मंत्री धर्मदास शुक्ला ने राज्य सरकार की नीतियों को कर्मचारी विरोधी करार दिया है, और साथ ही कहा है, "कांग्रेस चुनाव में जो वादे करके आई थी, उसे पूरा नहीं कर रही है. सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने की बात करती है, मगर अभी तो मानदेय का भुगतान ही नहीं हो रहा है. घोषणाएं किए जा रही है, उस पर अमल नहीं कर रही."