Lok Sabha Elections 2024: चुनावी अभियान में पीएम मोदी की भारी बढ़त, विपक्षी चुनौती है नदारद
लोकसभा चुनाव के तीन चरणों का मतदान समाप्त हो गया है. चौथे चरण के चुनाव प्रचार में सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. विपक्ष जहां एनडीए सरकार के कामकाज पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है.
नई दिल्ली, 9 मई : लोकसभा चुनाव के तीन चरणों का मतदान समाप्त हो गया है. चौथे चरण के चुनाव प्रचार में सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. विपक्ष जहां एनडीए सरकार के कामकाज पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके गठबंधन दलों सहित भाजपा के नेता सरकार के 10 साल के विकास के कामों का लेखा-जोखा लेकर जनता के बीच उपस्थित हैं और लगातार देश के विकास को गति देने की अपनी सोच को भी जनता के बीच रख रहे हैं.
ऐसे में इस चुनाव में पीएम मोदी को चुनौती देने वाला गायब नजर आ रहा है. चुनाव विश्लेषक भी यही अनुमान लगातार लगा रहे हैं कि पीएम मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता संभालकर अगली सरकार बनाएंगे. बीजेपी और एनडीए की सीटों की संख्या को लेकर भविष्यवाणी की गई है. हर गंभीर चुनावी विश्लेषक इस बात से सहमत है कि मोदी 3.0 के लिए जारी इस चुनाव कैंपेन में एनडीए विपक्ष से आगे है. यह भी पढ़ें : PM Modi Vs Rahul Gandhi Debate! पीएम मोदी और राहुल गांधी को खुली बहस का न्योता, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने लिखा पत्र
विपक्षी दलों को इस चुनाव में बढ़त लेने के लिए सबसे पहले जनता के बीच अपने विचारों को लाना, लोगों के साथ संवाद आदि का प्रयास करना जरूरी है. लेकिन, इस चुनाव प्रचार में विपक्ष के बीच से यह सब नदारद है.
दूसरी तरफ चुनाव की घोषणा के ठीक बाद पीएम मोदी ने मार्च में 9, अप्रैल में 68 और मई में 26 रैलियां की हैं. पीएम मोदी ने अब तक 24 से ज्यादा साक्षात्कार अपने व्यस्त चुनावी कैंपेन से समय निकालकर दिया है. उन्होंने क्षेत्रीय भाषा के चैनलों (थांथी टीवी, असम ट्रिब्यून, एशियानेट ग्रुप, विजयवाणी, न्यूज18, सकाल, ईनाडु, कच्छ मित्रा, दिव्य भास्कर, गुजरात समाचार, फूलछाब, संदेश न्यूज, आनंद बाजार पत्रिका) के साथ राष्ट्रीय (हिंदुस्तान, हिंदुस्तान टाइम्स, एएनआई) को साक्षात्कार दिया है. इसके साथ ही दैनिक जागरण, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, न्यूज़18, टाइम्स नाउ और अंतर्राष्ट्रीय (न्यूज़वीक) मीडिया आउटलेट को भी उन्होंने साक्षात्कार दिया है.
पीएम मोदी लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद अब तक 21 रोड शो भी कर चुके हैं. इसके साथ ही लोगों से जुड़े रहने के लिए मंदिरों और गुरुद्वारों की अनगिनत यात्राएं करने के साथ प्रतिष्ठित लोगों और आम नागरिकों से मुलाकात भी करते रहे हैं.
वहीं, विपक्ष के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी के प्रचार के तरीके को देखें तो उनके द्वारा शुरू की गई 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' चुनाव की घोषणा के बाद 17 मार्च को खत्म हुई. इसके बाद से 8 मई तक राहुल गांधी ने 39 जनसभाओं को संबोधित किया है, जिसमें मार्च में 1, अप्रैल में 29, मई में 10 जनसभाएं शामिल हैं. इसके साथ ही इन जनसभाओं में से कई जगहें तो ऐसी हैं, जहां कांग्रेस के जीतने की संभावना बहुत कम या ना के बराबर है. हालांकि, राहुल की इन जनसभाओं के आंकड़े और ज्यादा हो सकते हैं.
मीडिया के सामने आकर राहुल गांधी ने अभी तक कोई साक्षात्कार नहीं दिया है. हालांकि, 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' और इंडी गठबंधन के घटक दलों के साथ बैठकों के दौरान कुछ प्रेस कॉन्फ्रेंस जरूर हुई है.
अब ऐसे में सवाल यह है कि पीएम मोदी को तीसरे कार्यकाल में आने से रोकने के लिए कोई मजबूत विपक्षी दल का नेता एक तिहाई से भी कम रैलियों को पीएम मोदी के मुकाबले कैसे संबोधित कर सकता है. वहीं, जब लोकसभा चुनाव का प्रचार चरम पर हो तो कोई भी विपक्षी नेता लंबे समय तक चुनाव प्रचार से अनुपस्थित कैसे रह सकता है. कोई विपक्षी नेता जो पीएम मोदी को चुनौती देने की बात करता है, वह मुख्यधारा या वैकल्पिक मीडिया में साक्षात्कार क्यों नहीं दे रहा है. ये सभी तथ्य इस ओर इशारा कर रहे हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को चुनौती देने वाले गायब नजर आ रहे हैं.