नई दिल्ली, 9 जनवरी : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष अपना पहला आरोप पत्र दायर किया, जिसमें अन्य के साथ बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बेटी का नाम शामिल है. सूत्रों ने बताया कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार के करीबी सहयोगी अमित कात्याल का भी आरोप पत्र में कुछ कंपनियों के साथ नाम लिया गया है. अभियोजन की शिकायत (ईडी के आरोप पत्र के बराबर) राउज़ एवेन्यू कोर्ट के समक्ष दायर की गई है. अदालत ने जांच एजेंसी को मंगलवार को ही आरोप पत्र और दस्तावेजों की ई-कॉपी दाखिल करने का निर्देश दिया है.
अब यह मामला 16 जनवरी को संज्ञान में आने की संभावना है. हाल ही में, अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता लालू यादव, उनके बेटे और पत्नी द्वारा आरोप पत्र के साथ दायर दस्तावेजों की आपूर्ति की मांग करने वाले एक आवेदन पर सीबीआई से जवाब मांगा था. राउज़ एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विशाल गोग्ने ने आठ आरोपियों की दोषपूर्ण दस्तावेजों की आपूर्ति की मांग वाली याचिका पर सीबीआई से जवाब दाखिल करने को कहा था. पिछले साल 3 अक्टूबर को कोर्ट ने इस मामले में लालू, बेटे और पत्नी को जमानत दे दी थी. 22 सितंबर को, अदालत ने लालू प्रसाद और उनके बेटे और पत्नी सहित अन्य के खिलाफ सीबीआई द्वारा एक नए आरोप पत्र पर संज्ञान लिया. यह भी पढ़ें : राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के जरिए भाजपा ‘नौटंकी’ कर रही है : ममता बनर्जी
चूंकि जांच एजेंसी ने जमानत का विरोध नहीं किया, इसलिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने जमानत दे दी. सीबीआई ने 18 मई, 2022 को लालू प्रसाद और उनकी पत्नी, दो बेटियों और अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. ईडी ने जुलाई में कहा था कि उसने मामले में उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत लालू प्रसाद के परिवार - उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती - और संबंधित कंपनियों की 6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है. सीबीआई ने 3 जुलाई को लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और उनके बेटे और तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.