Lakhimpur Kheri Violence: सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की मांगी स्टेटस रिपोर्ट, योगी सरकार से पूछा- कौन हैं आरोपी, किसे पकड़ा गया
देश की शीर्ष कोर्ट ने लखीमपुर खीरी में हुई घटना का स्वत: संज्ञान लिया है. गौरतलब है कि लखीमपुर में बीते रविवार को हुई हिंसा मे चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri Violence) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस एनवी रमणा (NV Ramana) की अगुवाई वाली बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है और पूछा कि कौन आरोपी हैं, किसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और किन्हें गिरफ्तार किया गया है. इस मामले की अब शुक्रवार को सुनवाई होगी.
देश की शीर्ष कोर्ट ने लखीमपुर खीरी में हुई घटना का स्वत: संज्ञान लिया है. गौरतलब है कि लखीमपुर में बीते रविवार को हुई हिंसा मे चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. Lakhimpur kheri Violence: वरूण गांधी ने लखीमपुर खीरी घटना का एक कथित वीडियो ट्विटर पर डाला, कहा ‘‘न्याय हो’’
सीजेआई रमणा की अध्यक्षता में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा यूपी सरकार स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें और बताये कि कौन आरोपी हैं, किसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और किन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि इससे पहले इस मामले को लेकर दो वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. वकीलों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक दायर याचिका में मांग की गई थी कि लखीमपुर खीरी में हुई घटना के संबंध में कोर्ट की निगरानी में मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की जाए, जिसमें सीबीआई (CBI) को भी शामिल किया जाए.
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लखीमपुर दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान तीन अक्टूबर को भड़की हिंसा में आठ लोग मारे गए थे. आरोप है कि घटना में एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया जो तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. बाद में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को पीट-पीटकर मार डाला जबकि हिंसा के दौरान एक स्थानीय पत्रकार की भी जान चली गई.
बवाल बढ़ता देख यूपी सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है. इस मामले की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को नियुक्त किया है. न्यायिक आयोग का कार्यालय लखीमपुर खीरी में होगा और इसे दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी होगी. उधर, इस मामले को लेकर जमकर राजनीति भी हो रही है, पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर कटाक्ष कर रहे है.