उत्तर प्रदेश के हाईप्रोफाइल केस लखीमपुर हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri Violence) में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले पर सुनवाई हुई. अब सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में यह तय करेगा कि आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को जारी रखा जाए या फिर उसकी जमानत को रद्द किया जाए. इससे पहले आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. Lakhimpur Kheri Case: आशीष मिश्रा की बढ़ेगी मुश्किल? SC की कमिटी की रिपोर्ट में बेल को लेकर किया गया अहम दावा.
सुनवाई में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी (Mahesh Jethmalani) ने अपना पक्ष रखा. महेश जेठमलानी ने कहा कि आशीष मिश्रा से फ्लाइट रिस्क (भागने का खतरा) नहीं है. महेश जेठमलानी बोले कि उनको SIT के सुझाव मिले थे, जिनको राज्य सरकार को भेज दिया गया था और उसपर जवाब आना बाकी है.
यूपी सरकार के वकील ने कहा, ये गम्भीर कृत्य है, SIT ने कहा था कि आरोपी प्रभावशाली है, सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है लेकिन इस तर्क ने हमें प्रभावित नहीं किया. हमने गवाहों को सुरक्षा दे दी है. आरोपी कहीं नहीं भागेगा.
SIT की सिफारिश पर एक्शन ने लेने पर चीफ जस्टिस ने यूपी सरकार को कहा कि पत्र काफी वक्त पहले दिया गया था लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई और अब और वक्त मांगा जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट की नियुक्त कमेटी ने रिपोर्ट में क्या कहा
मामले में सुप्रीम कोर्ट की नियुक्त कमेटी ने स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि SIT ने आशीष मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका दायर करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को दो बार सिफारिश भेजी थी. इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सबूतों से पुष्टि होती है कि आशीष मिश्रा मौके पर था, उसे घटना के दिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के मार्ग में बदलाव के बारे में भी जानकारी थी.