लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत खारिज कर दी है. अब आशीष मिश्रा को एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करना होगा. बता दें कि आशीष मिश्रा गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं. लखीमपुर में जो किसानों पर गाड़ी चढ़ी थी, उस मामले में आशीष मिश्रा का नाम आया था. बता दें कि आशीष मिश्रा को इलाहबाद हाईकोर्ट ने जमानत दी थी, जिसको अब सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष का ध्यान नहीं रखा.
सुप्नेरीम कोर्ट कहा कि पीड़ितों को प्रभावी सुनवाई के अवसर से वंचित कर दिया गया और उच्च न्यायालय ने प्रासंगिक विचारों की अनदेखी की है. इसमें आगे कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने जमानत देने में काफी जल्दबाजी दिखाई. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को नए सिरे से विचार के लिए उच्च न्यायालय में वापस भेज दिया. पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश को कायम नहीं रखा जा सकता और इसलिए जमानत को रद्द किया जाता है.
अब सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत निरस्त करते हुए आशीष मिश्रा को एक सप्ताह में सरेंडर करने का निर्देश दिया है. मिश्रा को इस मामले में पिछले साल 9 अक्टूबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था. हाईकोर्ट ने उन्हें 10 फरवरी 2022 को जमानत दे दी.
लखीमपुर हिंसा का ये था मामला
मामला 3 अक्टूबर 2021 का है. किसान कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. लखीमपुर खीरी में भी प्रदर्शन चल रहा था. इसी बीच तिकुनिया इलाके में कुश्ती के कार्यक्रम में सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को पहुंचना था. विरोध कर रहे किसानों ने शांतिपूर्ण मार्च निकाला. उसी दौरान आशीष मिश्रा के साथ किसानों की झड़प हुई और किसान आगे बढ़े, लेकिन जब तिकुनिया इलाके में किसानों का मार्च आगे बढ़ा, तभी पीछे से तेज रफ्तार गाड़ी ने कई किसानों को कुचल दिया था.
इसका आरोप केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर लगा. गाड़ी से रौंदे जाने के बाद गुस्साई भीड़ ने आशीष के ड्राइवर समेत चार लोगों की हत्या कर दी थी. गाड़ी से रौंदे जाने और किसानों द्वारा आरोपियों पर किए गए हमले में कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी.