LAC Standoff: पूर्वी लद्दाख में तनाव दूर करने के लिए भारत-चीन के बीच 13वें दौर की वार्ता जारी, जानें इसकी अहमियत

भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की वार्ता रविवार सुबह 10:30 बजे शुरू हो गई है. यह बैठक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के हिस्से वाले मोल्डो में अभी चल रही है. इस दौरान हॉट स्प्रिंग समेत पूर्वी लद्दाख के क्षेत्रों से सेना हटाने को लेकर चर्चा होगी.

भारत और चीन के जवान I प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: भारत और चीन (China) के बीच कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की वार्ता रविवार सुबह 10:30 बजे शुरू हो गई है. यह बैठक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के हिस्से वाले मोल्डो में अभी चल रही है. इस दौरान हॉट स्प्रिंग  समेत पूर्वी लद्दाख (Ladakh) के क्षेत्रों से सेना हटाने को लेकर चर्चा होगी. वायुसेना की तीन इकाइयों को पूर्वी लद्दाख में भूमिका के लिए मिला प्रशस्ति पत्र

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, दोनों देश पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ लगते क्षेत्रों में सैनिकों के समग्र रूप से पीछे हटने (डी-एस्केलेशन) के तीसरे चरण को लेकर चर्चा करेंगे. दोनों देशों द्वारा पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गोगरा में फ्रिक्शन पैट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) 17ए से सैनिकों को वापस बुलाने के दो महीने बाद वार्ता हो रही है.

सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया दो दिनों के दौरान 4 और 5 अगस्त 2021 को की गई थी. दोनों पक्षों के सैनिक अब अपने-अपने स्थायी ठिकानों पर तैनात हैं. यह कदम 31 जुलाई, 2021 को कोर कमांडरों के बीच 12वें दौर की वार्ता के तुरंत बाद सामने आया था. बैठक के परिणाम के रूप में, दोनों पक्ष गोगरा में पीछे हटने पर सहमत हुए थे. इस क्षेत्र में सैनिक पिछले साल मई से आमने-सामने की स्थिति में हैं.

गोगरा के लिए दोनों देशों के बीच पीछे हटने की प्रक्रिया के साथ, भारत अब 13वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान हॉट स्प्रिंग्स और 900 वर्ग किमी के देपसांग मैदान जैसे अन्य विवाद वाले क्षेत्रों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लेगा.

भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार सभी मुद्दों को हल करने के लिए हालिया सैन्य कमांडरों की बैठकों के दौरान जोर दिया है. अब तक, कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता के 12 दौर के अलावा, दोनों बलों ने 10 मेजर जनरल स्तर, 55 ब्रिगेडियर स्तर की वार्ता और हॉटलाइन पर 1,450 कॉल भी की हैं. इससे पहले हिमालयी क्षेत्र के दो दिग्गजों की टुकड़ियां इस साल फरवरी में पैंगोंग त्सो के दोनों किनारों से हट चुकी हैं. भारत और चीन के बीच पिछले 16 महीने से सीमा विवाद चल रहा है.

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