Kolkata: आरजी कर मेडिकल कॉलेज के 50 सीनियर डॉक्टरों का सामूहिक इस्तीफा

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में चल रहे विवाद और विरोध प्रदर्शन ने मंगलवार को एक नया मोड़ ले लिया, जब करीब 50 वरिष्ठ डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से अपने पदों से इस्तीफा दे दिया.

Protest against the rape and murder of doctor | PTI

कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में चल रहे विवाद और विरोध प्रदर्शन ने मंगलवार को एक नया मोड़ ले लिया, जब करीब 50 वरिष्ठ डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से अपने पदों से इस्तीफा दे दिया. यह इस्तीफा जूनियर डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे आमरण अनशन के समर्थन में दिया गया, जो एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद न्याय की मांग कर रहे हैं.

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सामूहिक इस्तीफा: एकजुटता की मिसाल

मंगलवार सुबह मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों के प्रमुखों की बैठक के दौरान यह सामूहिक इस्तीफा देने का फैसला लिया गया. एक वरिष्ठ डॉक्टर ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, "हमने यह फैसला उन जूनियर डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए लिया है, जो अपनी साथी डॉक्टर को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रहे हैं."

यह सामूहिक इस्तीफा उन मुद्दों को उजागर करता है, जिनसे डॉक्टर लंबे समय से जूझ रहे हैं. जूनियर डॉक्टर पिछले चार दिनों से अस्पताल में सुरक्षा सुधार, भ्रष्टाचार खत्म करने, और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को लेकर आमरण अनशन पर हैं.

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग

जूनियर डॉक्टरों की प्रमुख मांगों में अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था सुधारना, भ्रष्टाचार को खत्म करना, और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाना शामिल है. वे उस व्यवस्था के खिलाफ भी आवाज उठा रहे हैं, जिसमें रैगिंग और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गंभीर समस्याएं सामने आई हैं.

हाल ही में एक जांच कमेटी ने 10 डॉक्टरों समेत 59 अस्पताल कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया था, जिसमें डॉक्टर, इंटर्न्स और हाउस स्टाफ शामिल थे. इन पर रैगिंग और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोप लगे हैं.

सस्पेंशन और जांच की कार्रवाई

दो दिन पहले जांच कमेटी ने एक बैठक की थी, जिसमें थ्रेट कल्चर और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की गहन जांच की गई. जांच के बाद 10 डॉक्टरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और बाकी पर कड़ी कार्रवाई की गई. आरोपियों में सौरभ पाल, आशीष पांडे (जिन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार किया), अभिषेक सेन, आयुष्री थापा, निरंजन बागची, शरीफ हसन, नीलाग्नि देबनाथ, अमरेंद्र सिंह, सतपाल सिंह और तनवीर अहमद काजी शामिल हैं. इन्हें 72 घंटों के भीतर हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया गया और उनके नाम राज्य मेडिकल काउंसिल को भी भेजे गए, जिससे उनके मेडिकल रजिस्ट्रेशन रद्द किए जा सकें.

अस्पताल में 'थ्रेट कल्चर' और प्रदर्शन

अस्पताल में जारी ‘थ्रेट कल्चर’ के खिलाफ मेडिकल छात्र और जूनियर डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल में सुरक्षा की कमी और भ्रष्टाचार के चलते डॉक्टर और स्टाफ असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

इस आंदोलन के चलते राज्य भर के डॉक्टरों में भी नाराजगी है, और एनआरएस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के भी इस्तीफा देने की संभावना जताई जा रही है. पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के संयुक्त मंच ने जूनियर डॉक्टरों के साथ एकजुटता व्यक्त की है और भ्रष्ट स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था को समाप्त करने की मांग की है.

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