नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) रविवार सुबह 11 बजे ‘स्वामित्व योजना’ (SVAMITVA Scheme) का शुभारंभ कर ग्रामीण भारत (Rural India) को एक बड़ी सौगात देने वाले है. देश के लाखों लोगों को सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत में बदलाव के लिए बड़े सुधार के क्रम में यह कदम उठाया जा रहा है. पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये भू-संपत्ति मालिकों को ‘स्वामित्व’ योजना के अंतर्गत संपत्ति कार्ड (Property Card) वितरित करने की योजना लांच करेंगे. पंजाब के मुख्यमंत्री ने 750 ग्रामीण स्टेडियमों के निर्माण की डिजिटल शुरूआत की
‘स्वामित्व योजना’ के अंतर्गत लगभग एक लाख भू-संपत्ति मालिक अपने मोबाइल फोन पर एसएमएस के द्वारा प्राप्त होने वाले लिंक से संपत्ति कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे. इसके बाद संबंधित राज्य सरकारें संपत्ति कार्ड का फिजिकल वितरण करेंगी. इसके अंतर्गत 6 राज्यों के 763 गांवों के लोग लाभान्वित होंगे, जिसमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के 2 गांव शामिल होंगे. महाराष्ट्र को छोड़कर बाकी सभी राज्यों के लाभार्थी 1 दिन के अंदर फिजिकल कार्ड प्राप्त करेंगे जबकि महाराष्ट्र के भू-स्वामियों को संपत्ति कार्ड मिलने में 1 महीने का समय लग सकता है क्योंकि महाराष्ट्र सरकार संपत्ति कार्ड के लिए सामान्य शुल्क लागू करने का प्रबंध कर रही है.
ग्रामीण भारत के लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिलाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए चलाई जा रही है स्वामित्व योजना।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी कल सुबह 11 बजे योजना के अंतर्गत संपत्ति कार्ड वितरण का शुभारंभ करेंगे।#SampatiSeSampanta @mopr_goi pic.twitter.com/pJFGgID0DO
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) October 10, 2020
‘स्वामित्व’ केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक योजना है. इसके बारे में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल 2020 को घोषणा की थी. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को ‘रिकॉर्ड ऑफ राइट्स’ देने के लिए संपत्ति कार्ड का वितरण किया जाना है. इस योजना का क्रियान्वयन 4 वर्ष में चरणबद्ध ढंग से किया जाएगा. इसे 2020 से 2024 के बीच पूरा किया जाना है और देश के 6.62 लाख गांवों को कवर किया जाना है. इसमें से एक लाख गावों को पायलट फेज में 2000-21 के दौरान कवर किया जाएगा. इस आरंभिक चरण में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और कर्नाटक के गांवों के साथ-साथ से पंजाब तथा राजस्थान के सीमावर्ती कुछ गांव शामिल होंगे. पंजाब और राजस्थान में नियमित प्रचालन प्रणाली स्टेशन (सीओआरएस) नेटवर्क भी स्थापित किया जाएगा.
इन सभी राज्यों ने सर्वे ऑफ इंडिया के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत इस योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रोन सर्वेक्षण किया जाएगा. इन राज्यों ने डिजिटल संपत्ति कार्ड के प्रारूप और जिन गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण किया जाना है उसे अंतिम रूप दे दिया है. पंजाब और राजस्थान में सीओआरएस नेटवर्क की स्थापना के लिए सर्वे ऑफ इंडिया से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं ताकि भविष्य में ड्रोन उड़ाने संबंधी गतिविधियों को संचालित करने में मदद की जा सके.
अलग राज्यों में अलग नाम
अलग-अलग राज्यों में संपत्ति कार्ड को अलग-अलग नाम दिए गए हैं. हरियाणा में ‘टाइटल डीड’, कर्नाटक में ‘रूरल प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकॉर्ड’ (आरपीओआर), मध्यप्रदेश में ‘अधिकार अभिलेख’, महाराष्ट्र में ‘सनद’, उत्तराखंड में ‘स्वामित्व अभिलेख और उत्तर प्रदेश में ‘घरौनी’ नाम दिया गया है.
ऐसे होगा फायदा
इस योजना से भू-संपत्ति मालिक अपने संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे. इसका इस्तेमाल लोन आदि के आवेदन समेत अन्य आर्थिक लाभ के लिए किया जा सकेगा. इस योजना का शुभारंभ करने के अवसर पर प्रधानमंत्री कुछ लाभार्थियों से बात भी करेंगे.