Kisan Mahapanchayat: लखनऊ में किसान महा पंचायत मांगों पर कायम, जारी रहेगा विरोध प्रदर्शन
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

लखनऊ, 22 नवंबर: लखनऊ (Lucknow) की किसान महा पंचायत ने सोमवार को किसानों द्वारा प्रधानमंत्री को सौंपे गए छह सूत्रीय चार्टर को दृढ़ता से दोहराया और स्पष्ट किया कि अभी उनका आंदोलन खत्म नहीं हुआ है. किसान यूनियनों के एक छत्र संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि उनका विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने सहित उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है. Kisan Mahapanchayat: लखनऊ में किसान महापंचायत की बैठक आज, SKM ने पीएम मोदी को खुला पत्र लिखकर MSP समेत इन 6 मुद्दों पर वार्ता करने की मांग की

कई राज्यों के हजारों किसानों को संबोधित करते हुए बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, "हमारी सभी मांगें पूरी होने तक हमारा 'आंदोलन' खत्म नहीं होने वाला. हम पूरे देश में इसी तरह की पंचायतें आयोजित करेंगे और जो लोग सोचते हैं कि यह मुद्दा खत्म हो गया है, दुख की बात है कि वे गलत हैं."

उन्होंने कहा कि एमएसपी गारंटी उनकी सबसे बड़ी मांग है.

टिकैत ने कहा, "हम न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी फसलों और सभी किसानों के लिए कानूनी अधिकार के रूप में सी2 प्लस 50 प्रतिशत (उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक) के फामूर्ले पर आधारित बनाना चाहते हैं. हमारे पत्र में हमने प्रधानमंत्री को याद दिलाया है कि उनकी अध्यक्षता में एक समिति ने 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री से इसकी सिफारिश की थी और उनकी सरकार ने बाद में संसद में भी इसकी घोषणा की थी."

महा पंचायत में बड़ी संख्या में किसान लखीमपुर खीरी से आए थे और 3 अक्टूबर की घटना का मुद्दा, जिसमें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की एक एसयूवी द्वारा कथित तौर पर चार किसानों को कुचल दिया गया था, महा पंचायत में प्रमुखता से उठा. किसानों ने मंत्री की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग की, जो इस मामले में आरोपी हैं. उनका बेटा आशीष मिश्रा पहले से ही जेल में है.

टिकैत ने कहा कि उन्हें पता चला है कि सरकार डेयरी विकास पर नई नीति ला रही है और किसान चाहते हैं कि इस मुद्दे पर उनसे सलाह ली जाए. उन्होंने कहा कि किसानों की अगली बैठक 26 नवंबर को दिल्ली की सीमा पर होगी. इस बीच, किसानों ने आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले किसानों की याद में एक स्मारक के लिए सिंघु सीमा पर जमीन की मांग भी की.

टिकैत ने मृतक किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की भी मांग की. अन्य मांगों में बिजली नियमन संशोधन विधेयक को वापस लेना, दिल्ली सीमा आंदोलन और पराली जलाने से संबंधित सभी मामलों को वापस लेना शामिल है.संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को प्रधानमंत्री को एक खुले पत्र में छह शर्तें रखीं और सरकार द्वारा किसानों के साथ इन पर चर्चा करने में विफल रहने पर आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी.