किसान क्रांति यात्रा: राजधानी में सुरक्षा व्यस्था चाकचौबंद, पूर्वी दिल्ली में धारा 144 लागू, जानें क्या है किसानों की मांग

भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में हजारों की संख्या में किसान दिल्ली पहुंच रहें हैं. किसानों की ये यात्रा उत्तराखंड के हरिद्वार से शुरु हुई थी. इन किसानों को दिल्ली में दाखिल होने की इजाजत नहीं दी गई है, बावजूद इसके किसान अपनी जिद पर लड़े हैं.

किसान क्रांति यात्रा (Photo Credit- PTI)

नई दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में हजारों की संख्या में किसान दिल्ली पहुंच रहें हैं. किसानों की ये यात्रा उत्तराखंड के हरिद्वार से शुरु हुई थी. इन किसानों को दिल्ली में दाखिल होने की इजाजत नहीं दी गई है, बावजूद इसके किसान अपनी जिद पर लड़े हैं. इसके मद्देनजर कानून व्यवस्था के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी है. दिल्ली-यूपी बॉर्डर को सील कर दिया गया है. साथ ही बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं.पूर्वी दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है. इसका मतलब है कि पांच से ज्यादा लोग एक साथ जमा नहीं हो सकते.

किसानों की यह पदयात्रा कर्जमाफी और बिजली बिल के दामों को कम करने जैसी मांगों को लेकर है. यह पदयात्रा 23 सितंबर को हरिद्वार से आरंभ हुई थी. जिसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और मेरठ जिलों से गुजरते हुए किसान सोमवार (1 अक्टूबर) को गाजियाबाद तक पहुंचे. जहां इन किसानों को रोक दिया गया. प्रशासन ने किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है. संसद भवन और राजघाट के आसपास भी सुरक्षा व्यस्था बेहद चाकचौबंद कर दी गई है.

कई मार्गों को किया गया डाइवर्ट 

किसान गांधी जयंती के मौके पर दिल्ली में राजघाट से संसद तक मार्च करने की तैयारी के साथ आए हैं. लेकिन दिल्ली पुलिस की तरफ से उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई है. यूपी पुलिस और दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया गया है. साथी ही गाजियाबाद से दिल्ली में दाखिल होने वाले रास्ते को भी डाइवर्ट किया गया है.

मुख्यमंत्री से किसानों की वार्ता रही विफल

किसानों के मनाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी वार्ता कराई गई. लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ किसान नेताओं की काफी देर बातचीत हुई, लेकिन अंत में वार्ता विफल हो गई. इसके बाद किसानों नें मंगलवार सुबह 7 बजे दिल्ली कूच का ऐलान किया.

भारतीय किसान युवा मोर्चा के अनुसार अभी इस यात्रा में करीब 20 हजार किसान शामिल हैं जिनकी संख्या शाम तक 50 हजार हो जाएगी. ये किसान गांधी जयंती के मौके पर राजघाट पहुंचेंगे.

क्या हैं किसानों की मांगे?

किसान सरकार से कर्जमाफी, फसल का सही दाम और सस्ती दरों पर बिजली चाहते हैं. किसान लगातार सरकार पर उनके प्रति लापरवाही का आरोप लगाते आ रहें हैं कि सरकार द्वारा उन्हें फसल की वाजिब कीमत नहीं मिल पा रही है. साथ ही आंदोलनकारी किसान मृतक किसानों के परिवार के लिए पुर्नवास की भी मांग कर रहे हैं.

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