Zika Virus: कोरोना के बीच जीका वायरस बढ़ा सकता है मुश्किलें, ऐसे करें इस खतरनाक बीमारी से अपना बचाव
देश में कोरोना संक्रमण के बीच अब जीका वायरस नई मुश्किलें पैदा कर सकता है. केरल में गुरुवार को जीका वायरस का पहला मामला सामने आया है. यह इस साल का पहला मामला है. तिरुवनंतपुरम जिले में रहने वाली गर्भवती महिला के ब्लड सैंपल में जीका वायरस की आधिकारिक रूप से पुष्टि हुई है.
नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के बीच अब जीका वायरस (Zika Virus) नई मुश्किलें पैदा कर सकता है. केरल (Kerala) में गुरुवार को जीका वायरस का पहला मामला सामने आया है. यह इस साल का पहला मामला है. तिरुवनंतपुरम जिले में रहने वाली गर्भवती महिला के ब्लड सैंपल में जीका वायरस की आधिकारिक रूप से पुष्टि हुई है. महिला 28 जून को निजी अस्पताल में बुखार, सिर दर्द और शरीर पर चकत्ते के लक्षणों के साथ भर्ती हुई थी. डॉक्टरों का कहना है कि महिला की हालत स्थिर है. उसने 7 जून को बच्चे को जन्म दिया, बच्चा स्वस्थ है. COVID-19: पहाड़ों से लेकर दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में भी भीड़ दे रही तीसरी लहर को निमंत्रण.
राज्य में 13 और लोगों के जीका वायरस से संक्रमित होने के संदेह के चलते उनके सैंपल पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजे गए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जीका वायरस एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है. हालांकि यह वायरस पहली बार भारत में नहीं मिला है, लेकिन कोरोना काल में यह वायरस मुश्किलों को बढ़ा सकता है.
कैसे फैलता है जीका वायरस
जीका एडीज एजीप्ट मच्छर से फैलता है जो डेंगू और चिकनगुनिया का भी वाहक है. यह मच्छर ठहरे पानी में पनपता है. एडीज मच्छर आम तौर से दिन के समय, खास कर सुबह और शाम में काटने के लिए जाना जाता है. वायरस के फैलाव को काबू करने का अभी तक यही तरीका है कि मच्छरों को पनपने न दें. आपके आस-पास मच्छर होंगे तो आप उनके काटने से इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं.
गर्भवती महिलाओं का बचाव जरूरी
जीका वायरस गर्भवती महिला से उसके भ्रूण में फैल सकता है और इसके कारण बच्चा अविकसित दिमाग के साथ पैदा हो सकता है. यह गर्भपात और मृत शिशु के जन्म का कारण भी बन सकता है.
लक्षण
जीका संक्रमण के लक्षण बुखार, स्किन पर चकत्ते और जोड़ में दर्द समेत काफी हद तक डेंगू के समान होते हैं. जीका वायरस से संक्रमित कई लोगों में इसके लक्षण नहीं दिखते हैं. वहीं कुछ को बुखार, मांसपेशी में दर्द, सिर दर्द, बेचैनी की समस्या हो सकती है. ये लक्षण आम तौर से 2-7 दिनों तक रहते हैं.
ऐसे करें बचाव
- घर के आसपास या घर के अंदर पानी नहीं जमने दें.
- बारिश के दिनों में फुल शर्ट और फुल पैंट ही पहनें
- मच्छरदानी में सोने का विकल्प अपनाएं.
- उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में यात्रा करने से बचें.
- गर्भवती महिलाओं का विशेष रूप से ध्यान रखें.
वर्तमान में जीका वायरस संक्रमण का इलाज या रोकथाम करने के लिए कोई वैक्सीन या दवाई नहीं है. इससे बचाव ही एकमात्र उपाय है. किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें.