Cauvery Water Dispute: कावेरी विवाद में कर्नाटक ने तमिलनाडु के लिए छोड़ा ज्यादा पानी, किसानों का विरोध जारी
कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण (सीडब्ल्यूडीटी) और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को किसानों के विरोध के बीच मांड्या जिले में केआरएस बांध से तमिलनाडु के लिए छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा बढ़ा दी.
बेंगलुरु, 31 अगस्त: कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण (सीडब्ल्यूडीटी) और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को किसानों के विरोध के बीच मांड्या जिले में केआरएस बांध से तमिलनाडु के लिए छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा बढ़ा दी. यह भी पढ़े: Cauvery River Water Dispute: कर्नाटक से कावेरी का पानी छोड़ने की मांग वाली तमिलनाडु की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 25 अगस्त को करेेेगा सुनवाई
सूत्रों ने पुष्टि की कि केआरएस बांध के 80 से अधिक गेट खोलकर 7,279 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है किसान संगठनों ने विरोध जारी रखने और भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया है नेताओं द्वारा गुरुवार को फैसले की घोषणा की संभावना है.
किसानों ने केआरएस बांध के पास तंबू लगा लिया है और धरना दे रहे हैं मांड्या जिला रायथा हितरक्षण समिति ने आंदोलन का आह्वान किया है सर्वोदय कर्नाटक पार्टी के मेलुकोटे विधायक दर्शन पुत्तनैया भी अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं उन्होंने बुधवार को विरोध-प्रदर्शन शुरू किया और पूरी रात किसानों और समर्थकों के साथ बैठे रहे मांड्या शहर में जिला आयुक्त कार्यालय के पास भी विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा.
कन्नड़ संगठनों ने भी आंदोलन को अपना समर्थन दिया है मांड्या जिले के श्रीरंगपट्टनम शहर में भूमितायी होराता समिति से जुड़े किसानों और कार्यकर्ताओं ने कावेरी नदी से तालुक कार्यालय तक कमीज उतारकर विरोध मार्च निकालने का फैसला किया है.
कर्नाटक को तमिलनाडु के लिए 15 दिन के लिए 2 सितंबर तक पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए कहा गया है इस बीच कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार कावेरी मुद्दे पर कानूनी विशेषज्ञों के साथ बैठक करने के लिए गुरुवार को नई दिल्ली पहुंच रहे हैं.