HC on Hindu-Muslim Couple: कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिंदू महिला को मुस्लिम पति के साथ रहने की दी इजाजत; जानें पूरा मामला

कर्नाटक हाई कोर्ट ने हाल ही में एक हिंदू महिला को अपने मुस्लिम पति के साथ रहने की अनुमति दी, जिससे उसकी मुलाकात सोशल मीडिया के माध्यम से हुई थी.

High Court of Karnataka

बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट ने हाल ही में एक हिंदू महिला को अपने मुस्लिम पति के साथ रहने की अनुमति दी, जिससे उसकी मुलाकात सोशल मीडिया के माध्यम से हुई थी. जस्टिस एस सुनील दत्त यादव और वेंकटेश नाइक टी की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि बालिग महिला ने अपनी मां के साथ रहने से इनकार कर दिया था, वह शादीशुदा थी और पढ़ाई कर रही थी, इसलिए किसी फैसले की जरूरत नहीं पड़ी. HC on Dowry: कम दहेज देने के लिए ताना देना दंडनीय अपराध नहीं... इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आखिर क्यों कही ये बात.

कोर्ट ने 9 मई के अपने आदेश में कहा, 'न्यायालय के समक्ष पेश की गई बंदी को ध्यान में रखते हुए और उसने अपनी मां के साथ जाने से इनकार कर दिया और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि बंदी बालिग है और बी.कॉम द्वितीय वर्ष में पढ़ रही है और उसकी शादी प्रतिवादी संख्या 6 के साथ हुई है, आगे कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा.'

अदालत महिला की मां द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी. महिला कोर्ट के सामने पेश हुई और अपनी मां के साथ रहने की अनिच्छा जताई. उसके द्वारा उठाए गए रुख पर ध्यान देने के बाद, अदालत ने कर्नाटक हाई कोर्ट की किशोर न्याय समिति के उप सचिव की उपस्थिति में बंद कमरे में उससे बातचीत की. यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप था.

इसके बाद, अदालत ने कहा कि महिला 1 अप्रैल को अपने पति से शादी करने के बाद केरल में अपने पति के साथ रह रही थी, बैचलर ऑफ कॉमर्स (बीकॉम) की डिग्री हासिल कर रही थी, और अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र थी. अदालत ने आगे कहा कि महिला ने स्वेच्छा से अपने माता-पिता का घर छोड़ा था और उसे किसी दबाव या अनुचित प्रभाव का सामना नहीं करना पड़ रहा था. इसलिए, न्यायालय ने निर्धारित किया कि मामले में निर्णय की आवश्यकता नहीं है.

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