Karnataka Election: कांग्रेस ने 42 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की, हत्यारोपी विनय कुलकर्णी, बाबूराव चिंचानसुर को टिकट

कांग्रेस ने 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 42 उम्मीदवारों की दूसरी सूची गुरुवार को जारी कर दी. इस सूची में हत्यारोपी विनय कुलकर्णी और भाजपा छोड़कर हाल ही में कांग्रेस में शामिल बाबूराव चिंचानसुर के भी नाम हैं.

Baburao Chinchansur, Vinay Kulkarni ( Photo Credit: IANS Twitter)

बेंगलुरु, 6 अप्रैल: कांग्रेस ने 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 42 उम्मीदवारों की दूसरी सूची गुरुवार को जारी कर दी. इस सूची में हत्यारोपी विनय कुलकर्णी और भाजपा छोड़कर हाल ही में कांग्रेस में शामिल बाबूराव चिंचानसुर के भी नाम हैं. भाजपा विधायक पद से हाल ही में इस्तीफा देने वाले एन.वाई. गोपालकृष्णा को मोनाकलमुरू सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. यह भी पढ़ें: Karnataka: न्याय देने के मामले में 18 बड़े राज्यों में कर्नाटक शीर्ष पर- इंडिया जस्टिस रिपोर्ट

कुलकर्णी को धारवाड़ ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से और चिंचानसुर को कलबुर्गी जिले के गुरुमिथकल सीट से टिकट दिया गया है. चिंचानसुर ने दावा किया था कि वह कांग्रेस को 20 सीटों पर जीत दिलाएंगे. वहीं, कलबुर्गी नगर निगम चुनाव जीतने के बाद भाजपा के हौसले बुलंद हैं और वह चिंचानसुर तथा इसी जिले से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को मात देने को लेकर आश्वस्त है.

कांग्रेस 124 उम्मीदवारों की पहली सूची पहले ही जारी कर चुकी है. दूसरी सूची की सीटों को लेकर कड़ा मुकाबला था, लेकिन केंद्रीय चुनाव समिति के साथ मिलकर राज्य के नेताओं ने नई दिल्ली में बैठकर इस सूची को अंतिम रूप दिया. संतोष एस. लाड को कलघटगी विधानसभा क्षेत्र से और के.सी. वीरेंद्र को चित्रदुर्गा से उम्मीदवार बनाया गया है. पूर्व मंत्री एच. अंजनेय और किम्माने रत्नाकर को क्रमश: होललकेरे (अ.जा.) और तीर्थाहल्ली विधानसभा सीट से टिकट मिला है.

कांग्रेस ने मांड्या जिले में सर्वोदय क्रांति पार्टी के दर्शन पुट्टनैया के लिए मूलेकोटे सीट छोड़ी है. हाई कमान ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्दारमैया की कोलार विधानसभा सीट से एक और टिकट की मांग पर अभी फैसला नहीं लिया है. इस सीट से अब तक किसी को टिकट नहीं दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि हाई कमान सिद्दारमैया को दो सीटों से टिकट देने के पक्ष में नहीं है. कांग्रेस अब तक नाराज नेताओं को मनाने में सफल रही है और विद्रोह के स्वर नहीं उठे हैं. शेष 58 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम तय करना बड़ी चुनौती होगी क्योंकि इन पर हर सीट के लिए तीन-तीन लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं.

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