Kargil Vijay Diwas: भारतीय सेना के साहस और जांबाजी की कहानी है यह युद्ध, विपरीत परिस्थितियों में पाकिस्तान को चटाई थी धूल, जानें 10 बड़ी बातें
करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानियों ने चोरी छिपे ऊंचे ठिकानों पर जाकर कब्जा जमा लिया था. ऐसे में भारतीय सेना के लिए नीचे से जंग लड़ना मुश्किल हो गया था. इस बीच भारत ने वायुसेना को उतारा, जिसने पाकिस्तानियों को उखाड़ फेंका.
26 जुलाई का दिन करगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. जिसकी शुरुआत 1999 में हुई थी. यह दिन करगिल युद्ध (Kargil War) में शहीद हुए जवानों के सम्मान हेतु मनाया जाता है. करगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) के नाम से भी जाना जाता है. 74 दिन तक चले इस करगिल युद्ध में भारत को पाकिस्तान पर जीत मिली थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) द्वारा इस दिन को करगिल विजय दिवस के रूप में मानाने की घोषणा की गई थी. करगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर देशवासी को गर्व होना चाहिए.
करगिल युद्ध भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के करगिल जिले में हुआ सशस्त्र संघर्ष है. करगिल युद्ध लगभग 74 दिन चले इस युद्ध का अंत 26 जुलाई को हुआ. करगिल युद्ध में भारतीय शूरवीरों ने अपने जान की आहुति देकर इस युद्ध को जीता था. जवानों की शहादत को देश आज भी नमन करता है. भारतीय सेना के कई जवान इस युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे.
करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानियों ने चोरी छिपे ऊंचे ठिकानों पर जाकर कब्जा जमा लिया था. ऐसे में भारतीय सेना के लिए नीचे से जंग लड़ना मुश्किल हो गया था. इस बीच भारत ने वायुसेना को उतारा, जिसने पाकिस्तानियों को उखाड़ फेंका. भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाली जगहों पर हमला किया और पाकिस्तान को सीमा पार वापिस जाने को मजबूर किया.
जानिए कारगिल युद्ध की 10 बड़ी बातें-
- भारत द्वारा एलओसी के करगिल सेक्टर से पाक सैनिकों को खदेड़ने के लिए चलाए गए ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) था.
- 26 जुलाई को भारत ने करगिल युद्ध (Kargil War) में जीत हासिल की थी. करगिल युद्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 3 हजार सैनिकों को मार गिराया था. यह युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया था.
- एक चरवाहे ने भारतीय सेना को करगिल में पाकिस्तान सेना के घुसपैठ कर कब्जा जमा लेने की सूचना तीन मई 1999 को दी थी.
- करगिल युद्ध में भारत के 527 जवान शहीद हुए और 1363 जवान घायल हो हुए थे.
- पाकिस्तानी सेना करगिल युद्ध को 1998 से अंजाम देने की फिराक में थी. इस काम के लिए पाक सेना ने अपने 5000 जवानों को कारगिल पर चढ़ाई करने के लिए भेजा था.
- करगिल की लड़ाई में बोफोर्स तोपें इस्तेमाल में लाई गई थी.
- भारतीय सेना को करगिल के युद्ध में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. पाकिस्तानी सैनिक ऊंची पहाड़ियों पर बैठे थे और हमारे सैनिकों को गहरी खाई में रहकर उनसे मुकाबला करना था. भारतीय जवान किसी आड़ के सहारे या रात में चढ़ाई कर पाकिस्तानियों का सामना कर रहे थे.
- भारतीय वायुसेना ने करगिल युद्ध में बड़ा योगदान दिया था. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया और जहां भी पाकिस्तान ने कब्जा किया था वहां बम गिराए गए. साथ ही पाकिस्तान के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया था.
- करगिल युद्ध की जीत की घोषणा तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजेपयी ने 14 जुलाई को की थी, लेकिन आधिकारिक तौर पर 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस की घोषणा की गई थी.
- 8 मई को कारगिल युद्ध शुरू होने के बाद 11 मई से भारतीय वायुसेना की टुकड़ी ने थल देना की मदद करना शुरू कर दिया था. इस युद्ध में वायुसेना के करीब 300 विमान उड़ान भरते थे.
करगिल युद्ध ऊंचाई वाले इलाके पर हुआ और दोनों देशों की सेनाओं को लड़ने में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ सेना की ओर से की गई कार्रवाई में भारतीय सेना के 527 जवान शहीद हुए तो करीब 1363 घायल हुए थे. इस लड़ाई में पाकिस्तान के करीब तीन हजार सैनिक मारे गए थे, मगर पाकिस्तान मानता है कि उसके करीब 357 सैनिक ही मारे गए थे.