Kalyan Singh Passes Away: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Uttar Pradesh Ex Chief Minister Kalyan Singh) का निधन हो गया है. कल्याण सिंह राजस्थान के राज्यपाल (Rajasthan Ex Governor Kalyan Singh) भी रहे थे. कल्याण सिंह पिछले लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. लखनऊ स्थित संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में कल्याण सिंह का इलाज चल रहा था. उनके निधन के बाद SGPGI लखनऊ कहा कि सेप्सिस और मल्टी ऑर्गन फेल्योर के चलते कल्याण सिंह का निधन (Kalyan Singh Death) हो गया है.
कई नेता मिलने पहुंचे थे
89 वर्षीय कल्याण सिंह बीजेपी के कद्दावर नेताओं में से एक थे. इलाज के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेता कल्याण सिंह से मिलने लखनऊ स्थित पीजीआई पहुंचे थे और उनका हालचाल जाना था. जानिए कैसा था उनके जीवन से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से-
कल्याण सिंह ने कहा था- शव भी भाजपा के झंडे में लपेटा जाएग
अपने राजनीतिक करियर के दौरान कल्याण सिंह ने कई मौकों पर दिलचस्प भाषण दिए. अपने एक भाषण के दौरान कल्याण सिंह ने अपने आपको भाजपा का एक समर्पित कार्यकर्ता बताया था और कहा था कि मृत्यू के बाद मेरा शव भाजपा के झंडे में ले जाया जाए. कल्याण सिंह ने कहा था, 'मैंने अपना जीवन भाजपा के लिए समर्पित किया है, मै चाहता हूँ कि मरूँ तो मेरा शव भी भाजपा के झंडे में ही जाए.'
एक रात के लिए मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था
कल्याण सिंह के राजनीतिक जीवन में अन्य की तरह कई उतार-चढ़ाव आए. उनके एक राजनीतिक करियर में एक मौका ऐसा भी आया जब उन्हें एक रात के लिए मुख्यमंत्री पद से हटा दिया. ये उनका जीवन का एक दिलचस्प और यादगार किस्सा रहा जब उन्हें एक रात के लिए मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था.
अपनी ही बहु बुरी तरह हार गए थे कल्याण सिंह
कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले की अतरौली विधानसभा से लगातार 8 बार विधायक रहे. कल्याण जनसंघ, जनता पार्टी, बीजेपी से विधायक रहे. कल्याण बीजेपी के कद्दावर नेताओं में से एक थे लेकिन वर्ष 2012 में उनकी बहू प्रेमलता ने जनक्रांति पार्टी से उनके खिलाफ अतरौली से चुनाव लड़ा. इस चुनाव में कल्याण को करारी शिकस्त मिली और उनकी जमानत जब्त हो गई.
आडवाणी ने कल्याण से कहा था- 'पूरी मस्जिद गिर जाने दो फिर इस्तीफा देना'
वर्ष 1986 में कल्याण, राम मंदिर आंदोलन के दौरान नायक बनकर उभरे. CBI ने बाबरी विध्वंस मामले में पत्रकार शीतला सिंह को कोर्ट में बतौर गवाह पेश किया. पत्रकार शीतला सिंह ने कोर्ट में अपने बयान में कहा कि, 'जिस दिन मस्जिद गिराई गई, उस दिन लालकृष्ण आडवाणी और कल्याण सिंह फोन पर लंबी बात कर रहे थे'. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाबरी विध्वंस के दौरान कल्याण सिंह इस्तीफा देना चाहते थे लेकिन लाल कृष्ण आडवाणी ने उन्हें रोक लिया. आडवाणी ने कल्याण से कहा था, 'पूरी मस्जिद गिर जाने दो फिर इस्तीफा देना'
6 जनवरी 1932 को अलीगढ़ में जन्म
6 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ (Aligarh) में जन्में कल्याण सिंह के पिता का नाम श्री तेजपाल लोधी और माता का नाम श्रीमती सीता देवी था. कल्याण सिंह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. अलीगढ़ जिले की अतरौली विधानसभा से विधायक रहे कल्याण सिंह का ये इलाका उनका गढ़ माना जाता था. इसके अलावा कल्याण बुलंदशहर और एटा से लोकसभा सदस्य रहे थे. इसके अलावा कल्याण राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे थे.