![CAA-NRC और NPR के खिलाफ जंतर मंतर पर जेएनयू के छात्रों का विरोध प्रदर्शन, आइशी घोष सहित सभी ने लगाए शरजील इमाम को छोड़ने के नारे CAA-NRC और NPR के खिलाफ जंतर मंतर पर जेएनयू के छात्रों का विरोध प्रदर्शन, आइशी घोष सहित सभी ने लगाए शरजील इमाम को छोड़ने के नारे](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2020/02/JNU-protest-against-CAA-NRC-and-NPR-380x214.jpg)
नई दिल्ली. नागरिकता कानून (Citizen Amendment Act) और एनआरसी (National Register of Citizens) और एनपीआर (National Population Register) को लेकर देश में विरोध शुरू है. बावजूद इसके केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) के रुख में कोई नरमी नहीं आयी है. राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में सीएए, एनआरसी के विरोध में पिछले 15 दिसंबर से विरोध प्रदर्शन जारी है. इसी कड़ी में आज दिल्ली के जंतर-मंतर में जेएनयू (Jawaharlal Nehru University) के छात्रों ने नागरिकता कानून, NRC और NPR के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष भी मौजूद थी.
छात्रों ने इस दौरान नारेबाजी करते हुए शरजील इमाम और डॉक्टर कफील खान को रिहा करने की मांग की. प्रदर्शन के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि यूपी के गोरखपुर में एक सरकारी हॉस्पिटल में बच्चे ऑक्सीजन की कमी के चलते मर रहे थे. तभी डॉक्टर ने किसी चीज की परवाह किये बगैर अपने दम पर अस्पताल में ऑक्सीजन मुहैया कराई. ऐसे डॉक्टर पर देशद्रोह का मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है. साथ ही फर्जी वीडियो के दम पर शरजील इमाम को जेल में बंद रखा गया है. इसलिए उन्हें रिहा किया जाना चाहिए. यह भी पढ़े-CAA Protest: अमित शाह से मिलने को तैयार शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी, कहा- बातचीत के लिये बुलाना सरकार का दायित्व
ANI का ट्वीट-
Delhi: Jawaharlal Nehru University Students Union president Aishe Ghosh and other students protest against CAA, NRC, and NPR at Jantar Mantar. They also raised slogans demanding the release of Sharjeel Imam and Dr. Kafeel Khan. pic.twitter.com/i4uqVp8aiM
— ANI (@ANI) February 17, 2020
उन्होंने कहा कि जेएनयू के छात्रों की आवाजनागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ केंद्र सरकार तक पहुंचे इसलिए हम यहां प्रदर्शन कर रहे हैं.
वही सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में पिछले दो महीने से जारी प्रदर्शन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसके बाद कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए तीन वार्ताकार नियुक्त किए. जिनमे वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, वकील साधना रामचंद्रन, पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला के नामों का समावेश है.