Japan PM Shigeru Ishiba Resigns: जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा का इस्तीफा, पार्टी में बगावत रोकने के लिए उठाया ये कदम
जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने हालिया चुनावों में अपनी पार्टी (LDP) की हार के बाद इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने यह फैसला पार्टी के भीतर बढ़ते दबाव और फूट को रोकने के लिए किया है. अब जापान में एक नए प्रधानमंत्री के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी.
Japan's PM Shigeru Ishiba Resigns: जापान की राजनीति में आज एक बड़ा हलचल मचा हुआ है. जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है. यह खबर सुनकर हर कोई हैरान है, क्योंकि इशिबा अभी कुछ महीनों पहले ही सत्ता में आए थे. लेकिन क्यों लिया उन्होंने यह कदम?
शिगेरू इशिबा जापान की सत्ताधारी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) के नेता हैं. हाल ही में हुए चुनावों में उनकी पार्टी और उनके गठबंधन को बड़ा झटका लगा.
ऊपरी सदन में बहुमत खोने के बाद पार्टी के अंदर घमासान मच गया. कई नेता और सदस्य इशिबा से नाराज हो गए और उन पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ता गया. पार्टी में फूट पड़ने की आशंका थी, यानी पार्टी दो हिस्सों में बंट सकती थी, जो LDP के लिए बहुत बड़ा नुकसान होता.इशिबा ने सोचा कि अगर वो इस्तीफा दे दें, तो पार्टी एकजुट रहेगी और नया नेता चुनने का रास्ता साफ हो जाएगा.
NHK जैसे जापानी मीडिया ने बताया कि इशिबा ने यह फैसला पार्टी की एकता बचाने के लिए लिया. चुनावी हार के कुछ हफ्तों बाद ही यह खबर आई, जिससे हर कोई चौंक गया.चुनावी हार का क्या असर पड़ा?याद रखिए, जुलाई में हुए चुनावों में LDP-नेतृत्व वाले गठबंधन को ऊपरी सदन में बहुमत नहीं मिला.
यह जापान की राजनीति में एक ऐतिहासिक हार थी. विपक्षी पार्टियां मजबूत हुईं, और LDP के अंदर असंतोष बढ़ गया. इशिबा पर आरोप लगे कि वो चुनावी रणनीति सही नहीं चला पाए. पार्टी के कई सीनियर नेता इस्तीफे की मांग कर रहे थे, ताकि नई लीडरशिप चुनाव हो सके.इशिबा ने पहले इस्तीफे की अफवाहों को नकारा था, लेकिन अब उन्होंने खुद सरकारी अधिकारियों से इस्तीफे की बात कही.
यह फैसला रविवार को आया, और अब LDP में लीडरशिप चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है.आगे क्या होगा?इस्तीफे के बाद जापान में नया प्रधानमंत्री चुनने की प्रक्रिया शुरू होगी. LDP पार्टी के अंदर वोटिंग होगी, और जो जीतेगा, वो संसद से प्रधानमंत्री चुना जाएगा.
यह सब कुछ हफ्तों में हो सकता है. जापान की अर्थव्यवस्था और विदेश नीति पर इसका असर पड़ सकता है, क्योंकि इशिबा रक्षा और सुरक्षा के मुद्दों पर मजबूत राय रखते थे.कुल मिलाकर, इशिबा का यह कदम पार्टी को बचाने का एक साहसी फैसला लगता है. राजनीति में ऐसे उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन जापान जैसे मजबूत देश में जल्दी सब ठीक हो जाएगा. अगर आप जापान की राजनीति में रुचि रखते हैं, तो आगे की खबरों पर नजर रखें!