जम्मू-कश्मीरः PSA के तहत नजरबंद महबूबा मुफ्ती को घर पर शिफ्ट किया गया, जारी रहेगी हिरासत

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को उनके घर में शिफ्ट कर दिया गया. हालांकि उन्हें जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में रखा गया है.

महबूबा मुफ्ती (Photo Credit-IANS)

देश में चल कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे के बीच जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को उनके घर में शिफ्ट कर दिया गया. हालांकि उन्हें जनसुरक्षा कानून (PSA) के तहत हिरासत में रखा गया है. उनकी हिरासत उनके घर में भी जारी रहेगी. बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले से पहले उन्हें हिरासत में लिया गया था. अभी वह जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में हैं. इससे पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को लगभग आठ महीने बाद मार्च के आखिरी सप्ताह में हिरासत से रिहा कर दिया गया. पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को 221 दिन की हिरासत में रखने के बाद 13 मार्च को रिहा कर दिया गया था.

बता दें कि महबूबा मुफ्ती की बेटी ने पूर्व में केंद्र सरकार को पत्र लिखकर महबूबा मुफ्ती को रिहा किए जाने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कोरोना वायरस फैला हुआ है. साथ ही इससे निजात पाने के लिए कोई टीका या दवाई भी अभी तक नहीं बनी है. इन सभी पहलुओं को देखते हुए मेरी मां व जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा सहित अन्य लोगों को रिहा किया जाए. यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: फारूक अब्दुल्ला की सभी दलों के नेताओं से अपील, कहा- बंदियों की रिहाई के लिए दें मेरा साथ. 

महबूबा मुफ्ती को घर पर शिफ्ट किया गया-

उल्लेखनीय है कि पिछले साल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के फैसले के बाद महबूबा मुफ्ती, फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला सहित कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था. इन तीनों के ऊपर पीएसए लगाया गया था.

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था, जिनमें से अधिकतर को छोड़ दिया गया है. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को ट्वीट किया. उमर ने लिखा कि महबूबा मुफ्ती को सिर्फ घर में शिफ्ट करना काफी नहीं है, बल्कि उन्हें तुरंत रिहा कर देना चाहिए.

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