जम्मू-कश्मीर में IPC और CrPC सहित 37 केंद्रीय कानून आज से लागू
केंद्रीय मंत्रिमंडल (Cabinet) ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर (Jammu And Kashmir) में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा गुरुवार को दी गई मंज़ूरी के बाद IPC और CrPC सहित 37 केंद्रीय कानून केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में लागू हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया था कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 96 के अंतर्गत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में केंद्रीय कानूनों के समवर्ती आदेश को जारी करने को स्वीकृति दे दी है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल (Cabinet) ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर (Jammu And Kashmir) में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा गुरुवार को दी गई मंज़ूरी के बाद IPC और CrPC सहित 37 केंद्रीय कानून केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में लागू हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया था कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 96 के अंतर्गत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में केंद्रीय कानूनों के समवर्ती आदेश को जारी करने को स्वीकृति दे दी है.
बता दें कि संसद ने पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को खत्म कर दिया था. सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के प्रभावी होने के बाद तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य को 31 अक्टूबर, 2019 से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के रूप में मान्यता दे दी गई.
ट्वीट:-
इसमें कहा गया है कि 31 अक्टूबर 2019 से पूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य के अलावा सभी केंद्रीय कानून पूरे भारत में लागू होते हैं, लेकिन 31 अक्टूबर 2019 से नियुक्त केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में भी यह लागू हो गये हैं. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 96 के अंतर्गत केंद्र सरकार के पास कानूनों को आवश्यकतानुसार ढालने और उनमें संशोधन करने का अधिकार है.