Uttarakhand Foundation Day 2023: देश को सर्वाधिक सैनिक देनेवाले देवभूमि उत्तराखंड से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट!
उत्तराखंड में कई पर्यटनों का मनोरम स्थल है. उदाहरण के लिए मसूरी जिसे पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है, औली, ऋषिकेश, हरिद्वार, उत्तरकाशी, नैनीताल, अल्मोड़ा, धनोल्टी, रुद्रप्रयाग तथा दर्जनों ऐसी जगहें हैं, जो दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं.
भारत की आजादी से पहले ब्रिटिश शासन में कई स्थानों पर उत्तराखंड को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मनोनीत करने की मांग स्थानीय लोगों द्वारा उठाई गई, लेकिन आजादी के बाद भी इसे अलग राज्य की मान्यता मिलने में करीब 54 साल लग गए. 09 नवंबर 2000 को भारत के 27 वें राज्य के रूप में उत्तराखंड का गठन हुआ, और इसे उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्से से अलग किया गया, तब इसे उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था,
साल 2007 में इसका नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया. उत्तराखंड पूरी तरह पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है. उत्तराखंड की स्थापना की 23वीं वर्षगांठ पर इससे जुड़े तमाम पहलुओं पर बात करेंगे. हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के आंचल में स्थित, यह मुख्यतः एक पहाड़ी राज्य है. इसके उत्तर में तिब्बत (जो अब चीन के हिस्से में है) और पूर्व में नेपाल के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाएं हैं.
देव भूमि है उत्तराखंड
उत्तराखंड के ग्लेशियरों, नदियों, घने जंगलों और बर्फ से ढकी पर्वत चोटियों के साथ प्राकृतिक संसाधनों, विशेष रूप से जल और जंगलों का प्रमुख स्त्रोत है. चार-धाम, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के चार सबसे पवित्र और पूजनीय हिंदू मंदिर इन पहाड़ी अंचलों में स्थित हैं. इसलिए यह देवभूमि के नाम से भी लोकप्रिय है.
उत्तराखंड की जनसंख्या
उत्तराखंड राज्य के मूल निवासियों को आमतौर पर उनके क्षेत्र के आधार पर गढ़वाली या कुमाऊंनी कहा जाता है. भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां की जनसंख्या 10,086,292 है, जो इसे भारत का 20वां सबसे अधिक आबादी वाला राज्य प्रमाणित करती है. यहां की प्रचलित भाषाएं गढ़वाली, कुमाऊनी, पंजाबी और नेपाली हैं, लेकिन आधिकारिक भाषा हिंदी है.
यूनेस्को प्रमाणित विश्व धरोहर स्थल
यहां के दो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल यानी फूलों की घाटी ‘नंदा देवी’ और राष्ट्रीय उद्यान दुनिया भर में लोकप्रिय हैं. उत्तराखंड अपने भीतर बहुमूल्य वनस्पतियों और जीवों की दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों का स्थल भी माना जाता है.
भारतीय सेना में सबसे ज्यादा सैनिक उत्तराखंड के हैं
किसी भी अन्य भारतीय राज्य की तुलना में भारतीय सेना में सबसे ज्यादा सैनिक उत्तराखंड से हैं. यही नहीं, पिछले 10 वर्षों से उत्तराखंड ने देश में सबसे अधिक सैन्य अधिकारी भी दिये हैं. उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य से भारतीय सेना में यह योगदान यकीनन प्रशंसनीय एवं हैरान करने वाला है.
गंगा यमुना का उद्गम स्थल
भारत की दो सर्वाधिक पूजनीय एवं पवित्र नदियों, गंगा और यमुना का उद्गम स्थल भी उत्तराखंड ही है. गौरतलब है कि गंगा नदी गंगोत्री से निकलती है, जबकि यमुना हिमालय में यमुनोत्री से निकलती है. अपने पवित्र जल से ये संपूर्ण भारतवासियों को मोक्ष दिलाती हैं. हिंदू पुराण इन नदियों की चर्चा बिना अधूरी मानी जाएगी.
राजनीतिक बिसात पर दो पार्टियों का वर्चस्व
राजनीति की बिसात पर यहां भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वर्चस्व है. राज्य के गठन के बाद से इन दोनों पार्टियों ने बारी-बारी से उत्तराखंड पर शासन किया है. वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और 5वीं विधानसभा में सदन के नेता हैं.
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था
उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. राज्य की 90 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्यों में लगी हुई है. उत्तराखंड का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2004 के लिए वर्तमान मूल्यों के आधार पर अनुमानित 280.32 अरब रुपए था. उत्तर प्रदेश से अलग होकर बना यह राज्य, पुराने उत्तर प्रदेश के कुल उत्पादन का 8 प्रतिशत उत्पन्न करता है. आर्थिक सर्वेक्षण 2021 से 2022 के अनुसार उत्तराखंड की विकास दर 6.13 प्रश रही तथा अर्थव्यवस्था के आकार में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई. साल 2020-2021 में प्रचलित भावों पर राज्य सकल घरेलू उत्पाद 53.832 करोड़ रहने का अनुमान है.
पर्यटकों की सैरगाह है उत्तराखंड
उत्तराखंड में कई पर्यटनों का मनोरम स्थल है. उदाहरण के लिए मसूरी जिसे पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है, औली, ऋषिकेश, हरिद्वार, उत्तरकाशी, नैनीताल, अल्मोड़ा, धनोल्टी, रुद्रप्रयाग तथा दर्जनों ऐसी जगहें हैं, जो दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. यहां पूरे साल देशी-विदेशी सैलानियों का आवागमन बना रहता है. इसलिए इसे पर्यटकों की सैरगाह भी कहा जाता है.
यहां विश्व प्रसिद्ध पर्वतारोहण संस्थान हैं
भारत के शीर्ष दो पर्वतारोहण संस्थान उत्तराखंड में स्थित हैं. इसमें एक उत्तरकाशी में स्थिति नेहरू पर्वतारोहण संस्थान है, जिसे 1965 में स्थापित किया गया था. यह देश के सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक है. दूसरा पर्वतारोहण संस्थान है पंडित नैन सिंह पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान. यह मुनस्यारी, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है.