RBI Monetary Policy: सेंट्रल बैंक के निर्णय से आम आदमी की जेब पर कितना पड़ेगा असर?

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज (8 अप्रैल) को वित्त वर्ष 2023 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए कहा कि रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार रहेगा.

रुपया (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज (8 अप्रैल) को वित्त वर्ष 2023 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए कहा कि रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार रहेगा. यह लगातार 11 वां मौका है जब आरबीआई की एमपीसी ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. तदनुसार, केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने वाणिज्यिक बैंकों के लिए रेपो रेट या अल्पकालिक उधार दर को 4 प्रतिशत पर बनाए रखा है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी की वजह से पैदा हुई सुस्ती से धीरे धीरे उबर रही है.

केंद्रीय बैंक के आज के निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि भले ही महंगाई बढ़ी है, लेकिन लोन पर ब्याज दर महंगे होने संभावना बेहद कम है. यानी जिन लोगों ने बैंक से लोन किया हुआ हैं, उनकी ईएमआई में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा. यह होम लोन, एजुकेशनल लोन, पर्सनल लोन और कार लोन आदि लेने के बारे में सोच रहे लोगों के लिए बड़ी राहत है, क्योकि वें अभी भी सस्ते कर्ज का फायदा उठा सकते है.

रिजर्व बैंक के इस निर्णय से कारोबारी धारणा सुधरने, बैंक ऋण में तेजी आने और सरकार की पूंजीगत व्यय की योजनाओं से निवेश गतिविधियों को मजबूती मिलेगी. जबकि युक्तिसंगत आवासीय ऋण मानकों को 31 मार्च 2023 तक बढ़ाया गया है. हालांकि रिजर्व बैंक ने मुद्रास्‍फीति के अपने पहले के अनुमान 4.5 प्रतिशत में बदलाव करते हुए मुद्रास्‍फीति की दर 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा की मुख्य बातें

वहीं, आरबीआई ने कार्ड धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए बड़े कदम उठाने की घोषणा की है. इसके तहत रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को एटीएम से बिना कार्ड (कार्डलेस) के नकदी निकासी की सुविधा शुरू करने की अनुमति देने का फैसला किया है. वर्तमान में देश के कुछ ही बैंकों द्वारा एटीएम के माध्यम से कार्ड-रहित नकदी निकासी की सुविधा दी जा रही है. यह सुविधा भी ग्राहकों को तभी मिलती है, जबकि वे संबंधित बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करते हैं. इस बारे में एनपीसीआई, एटीएम नेटवर्क और बैंकों को जल्द ही अलग-अलग निर्देश जारी किए जाएंगे.

आरबीआई ने अब यूपीआई का उपयोग करते हुए सभी बैंकों और एटीएम नेटवर्क में कार्ड-रहित नकद निकासी सुविधा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भेजा है. इसके उपयोग से लेनदेन करने में आसानी होगी. इसके साथ ही बिना कार्ड के नकदी निकासी की सुविधा से कार्ड स्किमिंग, कार्ड क्लोनिंग जैसी धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी. (एजेंसी इनपुट के साथ)

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