PM Svanidhi Yojana: मोदी सरकार की यह स्कीम गरीबों के लिए बनी वरदान, लाखों जरुरतमंदों को मिले 2278 करोड़ रुपये- ऐसे मिलेगा आपको फायदा
रेहड़ी-पटरी, ठेले या सड़क किनारे दुकान चलाने वालों के लिए सरकार ने लोन स्कीम पीएम स्वनिधि योजना शुरू की, जिसके तहत ऐसे छोटे दुकानदारों को 10 हजार तक का लोन देने की योजना है. अब इस योजना का परिणाम भी सामने आने लगा है. केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार ”पीएम स्वनिधि योजना” के तहत ऐसे स्ट्रीट वेंडरों की मदद कर रही है जिन्होंने कोरोना संकट के दौरान अपने रोजगार खो दिए थे.
PM Svanidhi Yojana: रेहड़ी-पटरी, ठेले या सड़क किनारे दुकान चलाने वालों के लिए सरकार ने लोन स्कीम पीएम स्वनिधि योजना शुरू की, जिसके तहत ऐसे छोटे दुकानदारों को 10 हजार तक का लोन देने की योजना है. अब इस योजना का परिणाम भी सामने आने लगा है. केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार ”पीएम स्वनिधि योजना” के तहत ऐसे स्ट्रीट वेंडरों की मदद कर रही है जिन्होंने कोरोना संकट के दौरान अपने रोजगार खो दिए थे. Pradhan Mantri Awas Yojana: 2022 तक देश के अवासहीन परिवारों के लिए 2.95 करोड़ आवास बनाने का लक्ष्य
2,278.29 करोड़ रुपये के 23 लाख ऋण वितरित
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान रेहड़ी-पटरी पर रोजगार करने वालों के लिए पीएम स्वनिधि योजना वरदान साबित हो रही है. इस योजना का लाभ उठाते हुए छोटे व्यवसायियों का जीवन पटरी पर लौट रहा है. उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत 50 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को 10,000 रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब तक 2,278.29 करोड़ रुपये के 23 लाख ऋण वितरित किए जा चुके हैं.
कोरोना से हुए लॉकडाउन में मिली मदद
गौरतलब हो कि कोरोना संकट के दौरान बड़ी संख्या में स्ट्रीट वेंडर्स रोजगार विहीन हो गए थे. ये लोग दोबारा रोजगार शुरू कर पाएं, इसके लिए केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि नाम से योजना शुरू की थी. इसे प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना भी कहते हैं. सरकार ने स्ट्रीट वेंडरों की मदद के उद्देश्य से इस स्कीम के लिए 5000 करोड़ रुपये की राशि रखी है. सरकार मानती है कि इस योजना से 50 लाख स्ट्रीट वेंडरों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है.
1 जून, 2020 को हुई योजना की शुरुआत
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कोविड-19 और लॉकडाउन के दौरान रोजी-रोटी खो चुके रेहड़ी-पटरी वालों की मदद के लिए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने 1 जून, 2020 को पीएम स्व-निधि योजना की शुरुआत की थी. योजना का उद्देश्य देशभर के लगभग 50 लाख स्ट्रीट विक्रेताओं को एक वर्ष की अवधि के लिए बिना किसी गारंटी (गैर जमानती) के 10 हजार रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराना है. ऋण का नियमित रूप से भुगतान करने पर प्रति वर्ष सात प्रतिशत की दर से ब्याज सहायता और निर्धारित डिजिटल लेन-देन करने पर प्रतिमाह 100 रुपये तक का कैशबैक प्रोत्साहन के रूप में दिया जाता है. इसके अलावा, समय पर या पहले ऋण का भुगतान करने पर विक्रेता अगली बार के लिए अधिक ऋण प्राप्त करने का पात्र बन जाएगा.
ऐसे मिलता है फायदा-
भारत सरकार ने कारोबार पुनः शुरू करने के लिए लगभग 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को एक साल की अवधि का 10,000 रुपये तक का गिरवी मुक्त कार्यशील पूंजी कर्ज उपलब्ध कराने वाली पीएम स्वनिधि योजना का शुभारम्भ किया था. इसके तहत कॉमर्शियल बैंक, ग्रामीण बैंक, छोटे वित्त बैंक, सहकारी बैंक, नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, एसएचजी बैंक से लोन हासिल किया जा सकता है. अच्छे भुगतान व्यवहार और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए क्रमशः ब्याज सब्सिडी (7 प्रतिशत प्रति वर्ष) और कैशबैक (1,200 रुपये तक) के रूप में प्रोत्साहन दिया जा रहा है. 24 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर 10,000 रुपये के कर्ज के लिए ब्याज सब्सिडी प्रभावी रूप से कुल ब्याज की 30 प्रतिशत होती है.
इसलिए, प्रभावी रूप में वेंडर को किसी प्रकार का ब्याज नहीं चुकाना होता है, इसके बजाय समय से भुगतान और सभी प्राप्तियों व भुगतान के लिए डिजिटल लेनदेन का उपयोग करने की स्थिति में उसे कर्ज पर सब्सिडी मिलती है. यह योजना जल्दी या समय से भुगतान पर आगे और बड़ा कर्ज दिए जाने पर जोर देती है. भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के आईटी प्लेटफॉर्म “पीएम स्वनिधि” के माध्यम से 2 जुलाई, 2020 से कर्ज देने की शुरुआत हो गई है. सिडबी इस योजना के लिए क्रियान्वयन एजेंसी है.