eSanjeevani OPD: गरीबों के लिए मोदी सरकार की एक और पहल, हर स्वास्थ्य समस्या का मुफ्त में समाधान, घर से निकलने की भी नही जरूरत
राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा (National Telemedicine Service) ई-संजीवनी (eSanjeevani) आज देश की गरीब जनता के लिए वरदान बन गई है. कोरोना काल में ई-संजीवनी को मरीजों, डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने बडे पैमाने पर अपनाया है. अब तक ई-संजीवनी के जरिये देशभर में 1.2 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त टेली-परामर्श सेवाएं दी जा चुकी हैं.
National Teleconsultation Service eSanjeevaniOPD: राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा (National Telemedicine Service) ई-संजीवनी (eSanjeevani) आज देश की गरीब जनता के लिए वरदान बन गई है. कोरोना काल में ई-संजीवनी को मरीजों, डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने बडे पैमाने पर अपनाया है. अब तक ई-संजीवनी के जरिये देशभर में 1.2 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त टेली-परामर्श सेवाएं दी जा चुकी हैं. जबकि प्रतिदिन करीब 90 हजार मरीजों की स्वास्थ्य समस्यायों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. महामारी की तीसरी लहर को रोकने के लिए त्योहारों के मौसम में उचित व्यवहार जरूरी: विशेषज्ञ
मोदी सरकार की यह डिजिटल स्वास्थ्य पहल ई-संजीवनी तेजी से देश की सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ी टेलीमेडिसिन सेवा बन गई है. फिलहाल राष्ट्रीय टैलीमेडिसिन सेवा 31 राज्यों और केन्द्र शासित राज्यों में संचालित की जा रही है. बीते साल 13 अप्रैल को ई-संजीवनी ओपीडी की सेवा को रोगियों के लिए उनके घरों पर ही देने की शुरुआत की गई.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अप्रैल 2020 में रोगी का डॉक्टर से संपर्क करने के लिए दूरस्थ परामर्श सेवाएं शुरू की गईं, जब देश में पहले लॉकडाउन के दौरान ओपीडी (OPD) को बंद कर दिया गया था. ई-संजीवनी पहल का उन लोगों को अच्छा फायदा हुआ है जहां ओपीडी सेवाएं लेने के लिए समय और खर्च संबंधी दिक्कतें हैं.
ई-संजीवनी ओपीडी सेवाओं को वेब ब्राउजर (https://esanjeevaniopd.in) के साथ-साथ एंड्रॉयड एप्लिकेशन के माध्यम से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका आईओएस एप्लिकेशन भी बहुत जल्द लॉन्च होने वाला है.
ई-संजीवनी नेटवर्क वर्तमान में दैनिक आधार पर लगभग 90,000 रोगियों का उपचार कर रहा है. ई-संजीवनी के जरिये 439 ऑनलाइन ओपीडी चलाया जा रहा है, इनमें से 43 सामान्य ओपीडी हैं और 396 स्पेशलिटी और सुपर-स्पेशियलिटी ओपीडी हैं. दूसरी ओर, हब एंड स्पोक मॉडल का अनुसरण करते हुए, ई-संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी को लगभग 27,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में शुरू किया गया है. साथ ही राज्यों के 2200 से अधिक केंद्रो में इस सेवा को लागू किया गया है. 2022 के अंत तक, संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी को राष्ट्रीय स्तर पर 1,55,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों पर लागू किया जाना है. राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा में 60,000 से अधिक विशेषज्ञ, डॉक्टर और नर्स शामिल हैं.
भारत भर के 701 जिलों में जनता द्वारा ई-संजीवनी का उपयोग किया गया है. ई-संजीवनी सेवा का लाभ उठाने वाले 56% से अधिक रोगी महिलाएं हैं. ई-संजीवनी द्वारा स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराए जाने वाले 1 करोड़ रोगियों में से लगभग 0.5% 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के हैं. वहीं, लगभग 18% रोगी 20 वर्ष या उससे कम उम्र के हैं.