'मन की बात' में बोले PM मोदी- मुसीबत की इस घड़ी में केरल के साथ खड़ा है पूरा देश
अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा, "आज के कठिन समय में पूरा देश केरल के साथ है. हमारी संवेदना अपने प्रियजनों को खो चुके परिवारों के साथ है. जीवन की जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई तो नहीं हो सकती लेकिन दुख की इस घड़ी में 125 करोड़ भारतीय आपके साथ खड़े हैं.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को केरल के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए कहा कि राज्य में बाढ़ से तबाह हुए लोगों की सहायता के लिए देश के हर कोने से लोग मदद के लिए आगे आए हैं. मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा, "आज के कठिन समय में पूरा देश केरल के साथ है. हमारी संवेदना अपने प्रियजनों को खो चुके परिवारों के साथ है. जीवन की जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई तो नहीं हो सकती लेकिन मैं शोक-संतप्त परिवारों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि दुख की इस घड़ी में 125 करोड़ भारतीय आपके साथ खड़े हैं."
उन्होंने कहा, "इस प्राकृतिक आपदा में घायल हुए लोगों के मैं जल्द ठीक होने की कामना करता हूं. मेरा दृढ़ विश्वास है कि राज्य के लोगों के धैर्य व साहस से केरल का फिर उभरेगा."
प्रधानमंत्री ने कहा कि मानसून एक तरफ कठिन परिश्रम करने वाले हमारे किसानों के लिए नई उम्मीदें लेकर आता है और भीषण गर्मी से झुलसते पेड़-पौधे, सूखे जलाशयों को राहत देता है, लेकिन दूसरी तरफ अतिवृष्टि से विनाशकारी बाढ़ भी आती है.
मोदी ने कहा, "आपदाएं अपने पीछे तबाही के निशान छोड़ जाती हैं. लेकिन आपदाओं के दौरान मानवता, दयालुता के पहलू भी दिखाई देते हैं."
प्रधानमंत्री ने कहा, "कच्छ से कामरूप और कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर कोई अपने-अपने स्तर पर कुछ न कुछ कर रहा है ताकि जहां भी आपत्ति आई हो चाहे वह केरल हो या हिन्दुस्तान के और जिले हों मानव जीवन सामान्य हो गए. आयु व कार्य क्षेत्र से हटकर लोग योगदान कर रहे हैं."
मोदी ने बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ने के लिए राज्य में बचाव और राहत अभियान में शामिल सशस्त्र बलों की सराहना की.
उन्होंने कहा, "मैं विशेष रूप से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कठिन प्रयासों का जिक्र करना चाहता हूं। इस कठिनाई और पीड़ा की घड़ी में उनकी सेवा एक बेजोड़ उदाहरण है."