भारतीय रेल मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में सलून की व्यवस्था करेगी, जानें सलून व्यवस्था के बारे में
भारतीय रेल अपनी आमदनी बढ़ाने के मकसद से मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में विशिष्ट यात्रा के लिए सलून की व्यवस्था करेगी
नई दिल्ली: भारतीय रेल अपनी आमदनी बढ़ाने के मकसद से मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में विशिष्ट यात्रा के लिए सलून की व्यवस्था करेगी. यह व्यवस्था उन यात्रियों के लिए होगी जो थोड़ा ज्यादा खर्च कर पूरे आराम से अपने गंतव्य तक पहुंचने की ख्वाहिश रखते हैं. सलून खासतौर से डिजाइन किया गया रेल कोच होता है जिसमें एक स्वागत कक्ष/भोजन कक्ष, दो बेडरूम, दो बाथरूम, एक सेवक कक्ष और एक रसोईघर होता है.
कम किराए वाली हवाई सेवाओं से कड़े मुकाबले से निपटने के लिए रेलवे अपना राजस्व बढ़ाने के लिए कई नवाचारी प्रयोग करने जा रही है.
सलून का इस्तेमाल आमतौर पर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी निरीक्षण के दौरान करते हैं. मंत्री भी रेलयात्रा के दौरान सलून का उपयोग करने के लिए अधिकृत हैं.
एक सलून में छह रेलयात्री आराम से सफर कर सकते हैं लेकिन, इसके लिए यात्री को 18 यात्रियों के प्रथम श्रेणी के किराये के समतुल्य किराया देना होगा.
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमने किसी भी यात्री को सलून बुक करने की अनुमति प्रदान की है. यात्रियों की मांग पर मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में यह अतिरिक्त कोच जोड़ा जाएगा जिसके लिए रेलयात्री को निर्धारित दर पर किराया चुकाना होगा."
देशभर में मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में सलून जोड़ने के लिए रेलवे ने सभी जोन को लिखित में निर्देश दिया है. हालांकि राजधानी, दुरंतो, शताब्दी और गतिमान एक्सप्रेस ट्रेनों में सलून की व्यवस्था नहीं होगी.
कोई भी यात्री आईआरसीटीसी के जरिए सलून बुक कर सकता है. सलून में चूंकि रसोईघर की सुविधा होती है, लिहाजा इसमें यात्री खान-पान की खुद की व्यवस्था भी कर पाएंगे. वर्तमान में मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में आमतौर पर 18 से 24 कोच होते हैं.
रेलवे को उम्मीद है कि पर्यटन गंतव्यों में सलून की मांग होगी. साथ ही, नवविवाहित दंपत्ति भी सूलन में सफर करना पसंद करेंगे.