Infantry Day: आज ही के दिन 1947 में पहली बार श्रीनगर में उतरी थी भारतीय सेना, कुछ ही दिनों में कश्मीर से पाकिस्तानी सेना का कर दिया था सफाया
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Infantry Day: आज देश इन्फेंट्री डे मना रहा है. इतिहास के पन्नों को पलटें तो पाएंगे कि आज ही के दिन 27 अक्टूबर 1947 को भारतीय सेना (Indian Army) पहली बार कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में उतरी और पाकिस्तान (Pakistan) के मंसूबों पर पानी फेरा था. ये दिन भारत के सैन्य इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. इन्फेंट्री डे सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन के उस साहसिक बलिदान को याद करने के लिए मनाया जाता है, जो उसने 1947 में दिखाया था.

वर्ष 1947 में जब आजादी के कुछ ही दिन बाद पाक्किस्तानी सेना कबाइलियों के साथ मिलकर बारामूला को तहस नहस करते हुए श्रीनगर की ओर बढ़ रही थी उस वक्त 27 अक्टूबर, 1947 को सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन श्रीनगर के पुराने हवाई अड्डे पर उतरी और इसके बाद सिख रेजिमेंट ने अदम्य साहस और त्याग का परिचय देते हुए कुछ ही वक्त में इस युद्ध की दिशा और दशा बदल दी थी.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 22 अक्टूबर को 1947 को पाकिस्तानी कबाइलियों ने जम्मू-कश्मीर पर हमला कर दिया था तो महाराजा हरी सिंह ने 26 अक्टूबर को भारत सरकार के साथ इन्स्ट्रुमेंट ऑफ अक्सेशन ( instrument of accession) साइन किया. इसे विलय पत्र के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय हुआ था.

बता दें कि आजादी के तुरंत बाद पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा करने के इरादे से अचानक हमला कर दिया था. ये हमला मुज्जफराबाद (अब पीओके), उरी, बारामूला, पूंछ और नौसेरा सेक्टर में किया गया था. पाकिस्तान द्वारा अचानक किए गए इस हमले के बाद ही जम्मू-कश्मीर के राजा, हरि सिंह ने भारत में विलय के लिए करार किया था और भारत से मदद मांगी थी.

इसके बाद पहली बार 27 अक्टूबर को भारतीय सेना की सिख रेजीमेंट वायुसेना के एयरक्राफ्ट से श्रीनगर एयरपोर्ट (उस वक्त बडगाम) पर उतरी थी. सेना ने सबसे पहले इस एयरपोर्ट को ही पाकिस्तानी सेना और कबीलाईयों के हमले से सुरक्षित किया था.

इसके बाद भारतीय सेना ने सभी इलाकों से पाकिस्तानी सेना को मुज्जफराबाद तक खदेड़ दिया था, जिसके चलते पूरा जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान के हाथों में जाने से बच गया था, इसीलिए हर साल 27 अक्टूबर को भारतीय सेना 'इंफेंट्री डे' के तौर पर मनाती है.