केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने मंगलवार को घोषणा की कि भारत की पहली बुलेट ट्रेन 2026 में पटरियों पर दौड़ेगी. उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन के लिए विभिन्न स्टेशनों के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अहमदाबाद-मुंबई रूट पर बुलेट ट्रेन का काम बहुत अच्छे से चल रहा है. अश्विनी वैष्णव ने बताया, "290 किलोमीटर से अधिक का काम पहले ही किया जा चुका है. आठ नदियों पर पुल बनाए गए हैं.12 स्टेशनों पर काम चल रहा है. स्टेशन भी उसी स्तर पर आ गए हैं, जिससे काम पूरा होने वाला है."
केंद्रीय मंत्री ने बताया, दो डिपो पर काम चल रहा है. 2026 में इसका पहला खंड खोलने के पूर्ण लक्ष्य के साथ काम बहुत तेज गति से चल रहा है. बुलेट ट्रेन एक बेहद जटिल परियोजना है. इस पर काम 2017 में शुरू हुआ और डिजाइन को पूरा करने में लगभग ढाई साल लग गए.
केंद्रीय मंत्री ने बताया, इसका डिज़ाइन बहुत जटिल है क्योंकि जिस गति से ट्रेन को चलाना होता है, उसमें कंपन बहुत तेज़ होता है.
अश्विनी वैष्णव ने विस्तार से बताया, "उन कंपनों को कैसे मैनेज करें? अगर हमें ऊपर से करंट लेना है तो वह करंट कैसे लें? उसकी गति, एरोडायनामिक्स आदि जैसी हर चीज को बहुत सावधानी से देखना होगा और उसके तुरंत बाद काम शुरू हो जाएगा."
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बीच में कोविड महामारी के कारण थोड़ा झटका लगा. इसके साथ ही अश्विनी वैष्णव ने कहा, “महाराष्ट्र में, उद्धव ठाकरे की सरकार ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था, जिससे परियोजना में देरी हुई. लेकिन, काम अब बहुत अच्छी प्रगति पर है.”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में 21 किमी लंबी सुरंग है, जिसमें 7 किमी समुद्र के नीचे का हिस्सा भी शामिल है. सुरंग का सबसे गहरा टनल 56 मीटर नीचे है. इन टनल के अंदर बुलेट ट्रेनें 300-320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी."
जापान की शिंकानसेन तकनीक (जिसे बुलेट ट्रेन भी कहा जाता है) का उपयोग करके मुंबई और अहमदाबाद के बीच हाई-स्पीड रेल का निर्माण करना और लोगों के लिए तेज गति वाली परिवहन प्रणाली विकसित करना इसका उद्देश्य है.