भारत की बेटी Sanjal Gavande ने लिखा एक नया अध्याय, जेफ बेजोस को अंतरिक्ष में पहुंचाने मे अदा की अहम भूमिका
ये भारत का दुनिया भर में प्रभुत्व बढ़ने का ही प्रभाव है कि आए दिन हमें कोई न कोई ऐसी खबर मिलती है, जिसमें कोई न कोई भारतीय दुनिया पर अपना प्रभाव छोड़ रहा होता है. ऐसा ही एक नाम है संजल गावंडे, जो जेफ बेजोस की अंतरिक्ष टीम में हैं.
ये भारत का दुनिया भर में प्रभुत्व बढ़ने का ही प्रभाव है कि आए दिन हमें कोई न कोई ऐसी खबर मिलती है, जिसमें कोई न कोई भारतीय दुनिया पर अपना प्रभाव छोड़ रहा होता है. ऐसा ही एक नाम है संजल गावंडे, जो जेफ बेजोस की अंतरिक्ष टीम में हैं. जेफ बेजोस अंतरिक्ष में यात्रा पर गए हैं. उनकी कंपनी ब्लू ऑरिजिन ने इसके लिए एक स्पेसशिप तैयार किया. इसी स्पेसशिप को बनाने में संजल गावंडे ने अहम भूमिका निभाई है. इस स्पेसशिप का नाम ‘न्यू शेपर्ड’ है.
कौन हैं संजल?
30 वर्षीय संजल गावंडे महाराष्ट्र के एक छोटे से शहर कल्याण की रहने वाली हैं. उनका जन्म यहां के कोलसेवाडी परिसर के हनुमाननगर इलाके में हुआ था. पढ़ाई-लिखाई कोलसेवाडी के मॉडल स्कूल में पूरी हुई. 10वीं और 12वीं उन्होंने बिड़ला कॉलेज से की. संजल के पिता अशोक गावंडे कल्याण डोंबिवली महापालिका में जॉब करते थे. अब रिटायर हो चुके हैं. मां सुरेखा गावंडे भी MTNL में नौकरी करती थीं. संजल अपने माता-पिता की एकलौती संतान हैं. यह भी पढ़ें : No Sex After Vaccine: वैक्सिनेशन के बाद सेक्स पर प्रतिबंध! रूसी स्वास्थ्य अधिकारी की चेतावनी, वैक्सीन लेने के बाद 3 दिन तक सेक्स नहीं कर सकते!
उच्च शिक्षा कहां से प्राप्त की
2011 में संजल ने मुंबई यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग किया और फिर GRI, टोफेल एग्जाम्स क्वालीफाई किए. इन सभी एग्जाम्स के रिजल्ट के आधार पर उन्हें US की मिशिगन टेक यूनिवर्सिटी में MS दाखिला मिला. 2013 में उन्होंने फर्स्ट डिविजन के साथ अपनी मास्टर डिग्री पूरी की.
न्यू शेपर्ड यान की खासियत
उद्योगपति जेफ बेजोस 20 जुलाई को सुबह अंतरिक्ष की यात्रा पर गए हैं . इसके साथ ही उनकी कंपनी ब्लू ऑरिजन का न्यू शेपर्ड विमान अंतरिक्ष पर्यटन के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है. न्यू शेपर्ड पूरी तरह स्वचालित रॉकेट विमान है, जिसे भीतर से नहीं चलाया जा सकता. न्यू शेपर्ड रॉकेट की तरह खड़ा और सीधे उड़ान भरता है. न्यू शेपर्ड पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश नहीं करेगा बल्कि यात्रियों को लगभग 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर ले जाएगा. वहां से कैप्सूल पैराशूट के सहारे वापसी करेगा. अंतरिक्ष यात्रा से पहले सवारियों को दो दिन का प्रशिक्षण दिया गया है. यह भी
क्या है जेफ बेजोस का मिशन
20 जुलाई को, ब्लू ओरिजिन अपने न्यू शेपर्ड रॉकेट और कैप्सूल के साथ अपना पहला क्रू स्पेसफ्लाइट लॉन्च किया है, जिसमें वो अपने अरबपति संस्थापक जेफ बेजोस को अंतरिक्ष की सैर पर ले गया है. यह मिशन, जिसे ब्लू ओरिजिन ने पहली मानव उड़ान करार दिया है, न्यू शेपर्ड रॉकेट की कुल 16 वीं उड़ान है. हालांकि अंतरिक्ष यात्रियों के साथ न्यू शेपर्ड रॉकेट की यह पहली उड़ान है.
इससे पहले इन भारतीयों ने किया नाम ऊंचा
पिछले सप्ताह अमेरिकी अंतरक्षि यान कंपनी वर्जिन गैलेक्टिक (Virgin Galactic) के रिचर्ड ब्रेनसन समेत छह लोग अंतरिक्ष की यात्रा करने गए थे. इन्हीं छह लोगों में भारतीय मूल की सिरिशा बांदला का नाम भी शामिल था. इनकी ये उड़ान 11 जुलाई को न्यू मैक्सिको से हुई थी. सिरिशा का काम रिसर्च से संबंधित था. इस यात्रा पर जाने वाले छह लोगों में दो महिलाएं थी. सिरिशा के अलावा एक अन्य महिला बेश मोसिस थीं.
अंतरिक्ष में जाने वाली चौथी भारतीय थी सिरिशा
34 साल की सिरिशा एक एरोनॉटिकल इंजीनियर हैं. उन्होंने इंडियाना के पर्ड्यू विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की है. कल्पना चावला के बाद वह भारत में जन्मीं दूसरी ऐसी महिला हैं, जो अंतरिक्ष में जाएंगी, जबकि वह अंतरिक्ष में जाने वाली चौथी भारतीय थी. इससे पहले राकेश शर्मा और सुनीता विलियम्स भी अंतरिक्ष में गए थे. सिरिशा ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा था, ‘मुझे यूनिटी22 क्रू और उस कंपनी का हिस्सा होने पर सम्मानित महसूस हो रहा है, जिसका मिशन सभी के लिए अंतरिक्ष को सुगम बनाना है.’