अब देश के दुश्मनों की खैर नहीं, नौसेना के बेड़े में शामिल हुए MH-60R हेलीकॉप्टर, दूर तक टारगेट पर कर सकता है हमला
भारतीय नौसेना की ताकत में अब और अधिक इजाफा होगा. दरअसल नौसेना को दो MH-60R समुद्री हेलीकॉप्टर मिले हैं, जो कि लंबी दूरी तक अपने दुश्मन का सफाया करने में सक्षम हैं. ये हेलीकॉप्टर अब नौसेना की आंख, कान बनकर देश की रक्षा करेंगे.
भारतीय नौसेना की ताकत में अब और अधिक इजाफा होगा. दरअसल नौसेना को दो MH-60R समुद्री हेलीकॉप्टर मिले हैं, जो कि लंबी दूरी तक अपने दुश्मन का सफाया करने में सक्षम हैं. ये हेलीकॉप्टर अब नौसेना की आंख, कान बनकर देश की रक्षा करेंगे. फरवरी, 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा के दौरान इन हेलीकॉप्टर के लिए डील हुई थी. इसी के संबंध में भारतीय नौसेना ने अमेरिका के नेवल एयर स्टेशन नॉर्थ आइलैंड में एक समारोह के दौरान अमेरिकी नौसेना से अपने पहले दो एमएच-60आर सीहॉक हासिल कर लिए हैं.
भारतीय नौसेना को सौंपे जाएंगे 24 हेलीकॉप्टर:
अनुबंध के तहत आगामी 3 साल में सभी 24 हेलीकॉप्टर अमेरिकी नौसेना द्वारा भारतीय नौसेना को सौंप दिए जाएंगे, जो परस्पर दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा. केवल इतना ही नहीं, इससे भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय समुद्री युद्ध क्षमता को और अधिक मजबूती मिलेगी. सैन डिएगो में आयोजित इस समारोह में अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू, अमेरिकी नौसेना और लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए.
DEEPENING 🇮🇳🇺🇸 DEFENCE TIES !
ATTENDED THE HANDING OVER CEREMONY OF THE FIRST @LOCKHEEDMARTIN #MH60R MULTI ROLE HELICOPTERS FROM @USNAVY TO @INDIANNAVY, ALONG WITH VICE ADM. KENNETH WHITESELL, COMMANDER US NAVAL AIR FORCES AND DCNS VICE ADM RAVNEET SINGH AT #SANDIEGO TODAY. PIC.TWITTER.COM/DGUK1FFQWE
— Taranjit Singh Sandhu (@SandhuTaranjitS) July 16, 2021
2.6 अरब डॉलर का है सौदा:
यूएस नेवल एयर फोर्स के कमांडर वाइस एडमिरल केनेथ व्हाइटसेल और भारतीय नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल रवनीत सिंह के बीच दस्तावेजों का आदान-प्रदान भी हुआ. भारतीय नौसेना के 18 कर्मियों की एक टीम इस समय अमेरिका में हेलीकॉप्टरों के उड़ान का प्रशिक्षण लेने के लिए पहुंची है. इन दोनों हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल एयरक्रू और तकनीकी चालक दल के पहले भारतीय बैच को अमेरिका के पेंसाकोला, फ्लोरिडा और सैन डिएगो में प्रशिक्षण देने के लिए किया जायेगा. भारतीय नौसेना अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन से इन हेलीकॉप्टरों को 2.6 अरब डॉलर के उस सौदे के तहत खरीद रही है, जो फरवरी, 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के समय हुई थी.
भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर:
भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा, सभी मौसमों में बहु-भूमिका वाले हेलीकॉप्टरों को शामिल करना भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में द्विपक्षीय रक्षा व्यापार बढ़कर 20 अरब डॉलर से अधिक हो गया है. उन्होंने कहा कि रक्षा व्यापार से आगे बढ़ते हुए भारत और अमेरिका रक्षा प्लेटफार्मों के सह-उत्पादन और सह-विकास पर भी साथ काम कर रहे हैं. भारतीय राजदूत संधू ने हाल के दिनों में रक्षा क्षेत्र में भारत द्वारा किए गए सुधार उपायों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने विदेशी निवेशकों के लिए नए अवसर खोले हैं. एमएच-60आर ऑल वेदर हेलीकॉप्टर है जिसे अत्याधुनिक एवियोनिक्स के साथ कई मिशनों को अंजाम देने के लिए डिजाइन किया गया है.
🇮🇳🇺🇸 PARTNERSHIP FLYING HIGH! PIC.TWITTER.COM/XPIGVX8MPY
— Taranjit Singh Sandhu (@SandhuTaranjitS) July 16, 2021
मल्टीरोल के लिए जाना जाता है MH-60R हेलीकॉप्टर:
रक्षा विभाग के अनुसार मल्टीरोल एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर मिलने से भारत को सतह-विरोधी और पनडुब्बी-रोधी युद्ध अभियानों को अंजाम देने की क्षमता मिलेगी. साथ ही भारतीय नौसेना की त्रि-आयामी क्षमताओं में वृद्धि होगी. हेलीकॉप्टरों को भी कई अद्वितीय उपकरणों और हथियारों के साथ संशोधित किया जाएगा. भारत अपनी बढ़ी हुई क्षमता का उपयोग क्षेत्रीय खतरों से निपटने और देश की रक्षा को मजबूत करने के लिए करेगा. एमएच 60 रोमियो हेलिकॉप्टरों को समुद्र में ‘उड़ता फ्रिगेट’ कहा जाता है. इस हेलिकॉप्टर में कई मोड वाले रेडॉर, नाइट विजन उपकरण, हेलिफायर मिसाइलें, एमके-54 टॉरपीडो और रॉकेट लगे हैं जो दुश्मन की सबमरीन को तबाह करने में सक्षम हैं.
तमाम तरह के हथियारों से लैस है MH-60R:
सी हॉक में लगे राडार और सेंसर न केवल पानी के अंदर पनडुब्बियों की पहचान करने में सक्षम होंगे बल्कि समय रहते उनका शिकार भी कर सकेंगे. इस खूंखार शिकारी से हरेक पनडुब्बी का कैप्टन डरता है. यह हेलिकॉप्टर कई अलग-अलग तरह के हथियारों से लैस हो सकता है क्योंकि इसमें हथियारों को लगाने के लिए चार प्वाइंट्स दिए गए हैं. पनडुब्बियों को निशाना बनाने के लिए इसमें पनडुब्बीरोधी एकेटी एमके 50 या एमके 46एक्टिव/पैसिव टॉरपीडो को लॉन्च किया जा सकता है. सुरक्षा के लिए इसमें 7.62 एमएम की मशीनगन को भी लगाया जा सकता है.
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— Taranjit Singh Sandhu (@SandhuTaranjitS) July 17, 2021