भारत के खिलाफ पाकिस्तान भले कितने भी षड्यंत्र रच ले. लेकिन हर बार उसे हार का मुंह देखना पड़ता है. धारा 370 के हटने के बाद भारत के खिलाफ फिर पाकिस्तान जहर तो उगल रहा है. बेवजह जम्मू-कश्मीर को अपना कह के भारत से दुश्मनी कर रहा है. वैसे ये नई बात नहीं है. एक ऐसी घटना उस वक्त हुई थी जब पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जे के लिए साल 1965 ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम चलाया था. उस वक्त ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम चलाने की अनुमति पाक सैनिकों को तत्कालीन तानाशाह और राष्ट्रपति जनरल अयूब खान ने दिया था. लेकिन पाक के इस नापाक मंसूबों पर भारतीय सेना पानी फेरते हुए उन्हें खदेड़ दिया था.
पाकिस्तान की सेना ने ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम के तहत कश्मीर के अखनूर ब्रिज को कब्जे में लेने का प्लान बनाया था. क्योंकि उस समय अखनूर ब्रिज भारतीय सेना के बेहद महत्वपूर्ण माना जाता था. इस ब्रीज से होकर भारतीय थल सेना चलकर और उसके साथ अपने भारी-भरकम टैंक और गाड़ियों को आसानी से एक सिरे से दूसरे तक गुजर सकते थे. पाकिस्तान का मंसूबा था कि इस ब्रीज पर अगर कब्जा मिला तो जम्मू तक पहुंचना आसान हो जाएगा. पाकिस्तान ने इस लड़ाई के अगस्त महीने से तैयारी शुरू कर दिया था.
पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन ग्रेंड स्लेम को 1 सितंबर के दिन शुरू किया. पाक सेना की टुकड़ियों ने भारतीय सेना पर हमला शुरू कर दिया. पाक ने अपने बेहतरीन टैंक्स पैटन एम-47, एम-48 और एम-4 शैरमैन टैंक्स की मदद से दबाव बनाने की कोशिश कर रहा था. लेकिन उसे भारतीय सेना के जज्बे का अंदाजा नहीं था. भारतीय सेना पाक को मुंहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया. क्योंकि पाक अपने टारगेट से चुक ही थी, जोकि भारत के लाभदायक सिद्ध हुआ और इस दौरान 191 ब्रिगेड ने अखनूर में अपनी पोजीशन ले ली. जिसके बाद भारत-पाक सेना के बीच 3 सितंबर को जमकर लड़ाई हुई.
भारत ने 6 सितंबर को इस युद्ध की शुरुआत की आधिकारिक घोषणा की गई. भारत और पाकिस्तान के बीच यह युद्ध 17 दिनों तक चला था. इस दौरान भारत ने पाकिस्तान को जमकर नुक्सान पहुंचाया था. पाकिस्तान ने यह लड़ाई उस वक्त शुरू किया था जब भारत से चीन को हारकर 3 साल हुआ था. इसी बीच पाक ने सोचा भारत को कमजोर समझकर हमला किया था. पाक के ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम भारतीय सेना ध्वस्त कर के बड़ी जीत हासिल की थी. यह युद्ध 23 सितंबर 1965 को खत्म हुआ था. इस विजय के बाद पूरी दुनिया मान गई भारत एक ताकतवर बनकर उभर रही है.