Indian Air Force के कमांडर्स ने बनाई 'दुश्मन' पर बढ़त हासिल करने की रणनीति, जानें क्या होगी खासियत
भारतीय वायु सेना कमांडरों का सम्मेलन शुक्रवार को सम्पन्न हुआ. इस बार इस कार्यक्रम का विषय 'रीओरिएंटिंग फॉर द फ्यूचर' यानि 'भविष्य के लिए पुनर्संरचना' रखा गया था, जो कि वायुसेना मुख्यालय में हुआ.
भारतीय वायु सेना ( Indian Air Force) कमांडरों का सम्मेलन शुक्रवार को सम्पन्न हुआ. इस बार इस कार्यक्रम का विषय 'रीओरिएंटिंग फॉर द फ्यूचर' (Reorienting for The Future) यानि 'भविष्य के लिए पुनर्संरचना' रखा गया था, जो कि वायुसेना मुख्यालय में हुआ. ज्ञात हो, इस तीन दिवसीय सम्मेलन में भारतीय वायु सेना की सामरिक क्षमताओं को बढ़ाने के तरीकों और साधनों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया. आइए विस्तार से जानते हैं कि इस सम्मेलन में इस बार क्या खास हुआ...
सभी सात कमांडों के कमांडिंग-इन-चीफ और प्रमुख अधिकारियों ने लिया भाग
दूसरे दिन 'भविष्य के लिए पुनर्संरचना' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में वायुसेना की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के तरीकों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया. सम्मेलन में सभी खतरे वाले क्षेत्रों में भविष्य की चुनौतियों के लिए भारतीय वायुसेना के पुनरुद्धार और हथियारों के प्रभावी इस्तेमाल का रोडमैप तैयार करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया. इस सम्मेलन में वायुसेना के सभी सात कमांडों के कमांडिंग-इन-चीफ और प्रमुख अधिकारियों ने लिया भाग.
सैन्य अधिकारियों ने भविष्य में होने वाले युद्ध के बारे में कमांडरों से की बातचीत
वायु सेना कमांडरों का द्वि-वार्षिक सम्मेलन वायुसेना मुख्यालय 'वायु भवन' के सुब्रतो हॉल में आयोजित किया गया. सम्मेलन को सैन्य बलों के प्रमुख जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने भी संबोधित किया. सैन्य अधिकारियों ने तीनों सेनाओं की संयुक्त योजना और क्षमताओं के एकीकरण के माध्यम से भविष्य में होने वाले युद्ध के बारे में कमांडरों से बातचीत की. सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना कमांडरों को भविष्य के खतरों का मुकाबला करने के लिए क्षमता बढ़ाने, दीर्घकालिक योजनाएं और रणनीतियां बनाने की सलाह दी थी. संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशों को लागू करने के लिए कार्रवाई और योजनाओं पर चर्चा की गई.
वायुसेना की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के तरीकों पर भी हुई विस्तृत चर्चा
इस सम्मेलन ने वायुसेना के संचालन, रखरखाव और प्रशासन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ नेतृत्व को एक मंच प्रदान किया. सम्मेलन में सभी खतरे वाले क्षेत्रों में भविष्य की चुनौतियों के लिए भारतीय वायुसेना के पुनरुद्धार और भविष्य में हथियारों के प्रभावी इस्तेमाल का रोडमैप तैयार करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया. इसके अलावा वायु रक्षा और संयुक्त कमान संरचनाओं के परिचालन और संगठनात्मक पहलुओं पर भी चर्चा की गई.
5G जैसी नई तकनीकों को शामिल करने, साइबर और स्पेस डोमेन का उपयोग बढ़ाने पर दिया जोर
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया ने कमांडरों को दिए अपने संबोधन में 5G जैसी नई तकनीकों को शामिल करने, साइबर और स्पेस डोमेन का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने मानव संसाधन सुधारों और संगठनात्मक पुनर्गठन के माध्यम से वायुसेना की दक्षता बढ़ाने के लिए निचले स्तर के नेतृत्व को मजबूत करने का आह्वान किया. वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर आशीष मोघे के मुताबिक इस सम्मेलन के दौरान वायुसेना के शीर्ष कमांडर्स द्वारा देश के एयरस्पेस ऑपरेशन्स की ताकत में इजाफा करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई. सम्मेलन में वायुसेना की सामरिक रणनीति के साथ उन नीतियों पर भी चर्चा हुई, जिससे कि वायुसेना अपने प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त हासिल कर सके.