FSSAI का बड़ा फैसला, खाने पीने के सामानों पर शुद्ध, प्राकृतिक जैसे शब्दों को लिखने से किया मना

जिसके अनुसार पैकेज्ड फूड कंपनियां पैकेट पर नेचुरल, फ्रेश, ओरिजिनल, ट्रेडिशनल, प्योर, ऑथेंटिक, जेनुइन और रियल इस तरह के लोक लुभावने बातों को नहीं लिख पाएंगी. इसको लेकर जल्द ही भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक (एफएसएसएआई ) कुछ दिनों में इसको लेकर एक नोटफिकेशन जारी करने वाली है.

खाने पीने की सामग्री (Photo Credits Pixabay)

नई दिल्ली: देश में ज्यादातर कंपनियां खाने पीने के पैकेट पर लोक लुभावने शब्द लिखकर लोगों के बीच अपने सामन को बेंच रही है. ऐसे कंपनियों के खिलाफ भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक (एफएसएसएआई )एक कड़ा कदम उठाने जा रहीं है. जिसके मुताबिक पैकेज्ड फूड कंपनियां पैकेट पर नेचुरल, फ्रेश, ओरिजिनल, ट्रेडिशनल, प्योर, ऑथेंटिक, जेनुइन और रियल इस तरह के लोक लुभावने बातों को नहीं लिख पाएंगी. इसको लेकर जल्द ही एफएसएसएआई एक नोटफिकेशन जारी करने वाली है.

एफएसएसएआई का साफ तौर से इन कंपनियों से कहा है कि देश के उपभोक्ताओं को यदि आप अपना सामान बेचना चाहतें हो  आपको अपने सामान के पैकेट पर सिर्फ कम्पनी का नाम, ट्रेड मार्क ही लिख सकतें हो इसके अलावा आप इस सामान के गुणवत्ताअच्छी है आपके सेहत के लिए फायदे मंद है इस तरह की कोई भी बात नहीं लिख सकते हो.

बता दें कि अक्सर देखा गया है कि देश की ज्यादातर कम्पनियों के विज्ञापन या फिर पैकेट पर भले ही लोक लुभावने शब्द लिखा होता है. लेकिन सामान खरीदने के बाद उपभोक्ता को मालूम पड़ता है कि विज्ञापन या फिर पैकेट पर जो लिखा गया है वैसा सामग्री नहीं है. कभी- अभी तो यह भी देखा गया है कि सामान खरीदने या फिर खोलने के बाद सामान अन्दर पूरी तरह से सड़े गलें होते है. कम्पनी द्वारा देश के करोड़ों उपभोक्ताओं के बीच इस तरह से झूठ बोकर सामान बेचने को लेकर ही भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक (एफएसएसएआई) ऐसा कदम उठाने जा रही है.

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