लद्दाख: गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प (India-China Violent Face-Off) में भारतीय सेना के कम से कम 20 जवानों के शहीद होने की खबर है. मंगलवार रात न्यूज एजेंसी ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी. रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के जवानों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 जवान शहीद हो गए. रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान चीनी पक्ष के 40 से अधिक जवान हताहत हुए.
न्यूज एजेंसी ANI ने अपने ट्वीट में बतया, पूर्वी लद्दाख में गालवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प में कम से कम 20 भारतीय सैनिक मारे गए. हताहतों की संख्या बढ़ सकती है. न्यूज एजेंसी ANI ने एक दूसरे ट्वीट में बताया, गालवान घाटी में चीनी पक्ष में 43 हताहत हुए हैं जिसमें मृत और गंभीर रूप से घायल शामिल हैं.
ANI का ट्वीट-
At least 20 Indian soldiers killed in the violent face-off with China in Galwan valley in Eastern Ladakh. Casualty numbers could rise: Government Sources pic.twitter.com/PxePv8zGz4
— ANI (@ANI) June 16, 2020
चीनी सेना को भी हुआ भारी नुकसान-
Indian intercepts reveal that Chinese side suffered 43 casualties including dead and seriously injured in face-off in the Galwan valley: Sources confirm to ANI pic.twitter.com/xgUVYSpTzs
— ANI (@ANI) June 16, 2020
भारतीय सेना ने कहा कि सोमवार रात को गलवान घाटी में हुई घटना में दोनों तरफ से हताहत हुए थे. सेना ने कहा कि यह घटना उस समय हुई जब "डी-एस्केलेशन की प्रक्रिया चल रही थी. दोनों सेनाओं के मेजर जनरल तनाव को कम करने के लिए बातचीत की.
भारतीय सेना के जो जवान शहीद हुए हैं उनमें अब तक कर्नल रैंक के अधिकारी और दो जवान के नाम सामने आए हैं. इस हिंसक झड़प में कर्नल संतोष बाबू शहीद हुए. कर्नल संतोष पिछले 18 महीने से लद्दाख में भारतीय सीमा की सुरक्षा में तैनात थे. वे 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे. उनके साथ झारखंड के कुंदन ओझा और हवलदार पलानी भी शहीद हुए.
पूरे मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता तो दोनों पक्षों की ओर जो हताहत हुए हैं उनसे बचा जा सकता था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, "भारत का स्पष्ट तौर पर मानना है कि हमारी सारी गतिविधियां हमेशा एलएसी के भारतीय हिस्से की तरफ हुई हैं. हम चीन से भी ऐसी ही उम्मीद करते हैं."