India-China Face-Off: लद्दाख में भारत-चीन की सेनाओं के बीच हो रही कमांडर लेवल की वार्ता, शांति के खाके पर लग सकती है मुहर

पूर्वी लद्दाख में ‘समयबद्ध ’ तरीके से तनाव घटाने और सैनिकों के पीछे हटने के लिए तौर-तरीका तय करने के लिए भारतीय और चीनी सेना के वरिष्ठ कमांडरों के चौथे दौर की वार्ता हो रही है. बताया जा रहा है कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय हिस्से में चुशूल में यह बैठक चल रही है.

भारतीय और चीनी सैनिक (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में ‘समयबद्ध ’ तरीके से तनाव घटाने और सैनिकों के पीछे हटने के लिए तौर-तरीका तय करने के लिए भारतीय और चीनी सेना के वरिष्ठ कमांडरों के चौथे दौर की वार्ता हो रही है. बताया जा रहा है कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय हिस्से में चुशूल में यह बैठक चल रही है. इस दौरान दोनों पक्षों द्वारा ऊंचाई वाले क्षेत्र में अमन-चैन बहाल करने के खाके को अंतिम रूप दिया जा सकता है.

वार्ता में पैंगोग सो और देपसांग में पीछे हटने की प्रक्रिया के दूसरे दौर को शुरू करने के साथ ही समयबद्ध तरीके से पिछले बेस से सैनिकों और अन्य सैन्य उपकरणों को हटाए जाने पर फोकस रहेगा. इस दौरान भारतीय पक्ष पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में पांच मई से पहले की यथास्थिति बहाल करने पर जोर देगा.

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) गोग्रा, हॉट स्प्रिंग्स और गलवान घाटी से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर चुकी है और पिछले एक सप्ताह में उसने पैंगोग सो इलाके में फिंगर फोर के पास सैनिकों की संख्या घटायी है. भारत जोर दे रहा है कि चीन फिंगर फोर और फिंगर एट के बीच के इलाकों से सुरक्षा बलों को हटाए.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच करीब दो घंटे की टेलीफोन वार्ता के बाद सैनिकों के पीछे हटने की औपचारिक प्रक्रिया पिछले सोमवार को शुरू हुई थी. जिसके बाद शुक्रवार को भारत और चीन के बीच राजनयिक स्तर की वार्ता हुई. इस दौरान दोनों पक्षों ने अमन-चैन बहाल करने के लिए पूर्वी लद्दाख में समयबद्ध तरीके से ‘‘सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने ’’ की प्रक्रिया पर आगे बढ़ने का फैसला किया.

उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर तीन दौर की वार्ता हो चुकी है और अंतिम बैठक 30 जून को हुई थी. इस बैठक में दोनों पक्ष गतिरोध दूर करने के लिए प्राथमिकता के साथ जल्द, चरणबद्ध और क्रमिक तरीके से तनाव घटाने पर सहमत हुए थे. लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहली वार्ता छह जून को हुई थी. इस दौरान दोनों पक्ष गलवान घाटी से शुरूआत करते हुए टकराव के सभी स्थानों से धीरे-धीरे पीछे हटने पर राजी हुए थे. दूसरे दौरे की वार्ता 22 जून को हुई थी.

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले महीने कई हफ्ते तक खूब तनातनी चली. हालात तब और ख़राब हो गए जब 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों के साथ खूनी झड़प की. इस झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे, जबकि अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के 35 जवान हताहत हुए, लेकिन चीन ने पीएलए (पीपल्स लिबरेशन आर्मी) जवानों के हताहत होने की जानकारी अब तक छुपा रखी है.

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