भारत और यूरोपीय संघ को व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए: पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत को गति देने के लिए मौजूदा व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है.

नई दिल्ली, 11 अप्रैल : केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत को गति देने के लिए मौजूदा व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों को समझौते में रुकावट डालने वाली बाधाओं की गहन समझ की जरूरत है क्योंकि दोनों पक्षों के बीच व्यापार मौजूदा 15 अरब डॉलर के स्तर से बढ़ने की जबरदस्त संभावना है.

गोयल ने ‘इटली-इंडिया बिजनेस, साइंस और टेक्नोलॉजी फोरम’ में अपने संबोधन में कहा, "मेरा मानना ​​है कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच एफटीए को तेजी से पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है. इसके लिए यूरोपीय संघ, उसके सदस्य देशों और भारत दोनों को आपसी विश्वास विकसित करने और व्यापार बाधाओं की गहन समझ विकसित करने के लिए सहयोग की भावना से काम करने की जरूरत होगी, जो हमारे बीच व्यापार समझौते में बाधा डाल रही हैं." यह भी पढ़ें : Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के पहले सेमीकंडक्टर प्लांट की सीएम विष्णुदेव साय ने रखी आधारशिला

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि भारत और इटली के बीच निवेश को प्रोत्साहित करने और व्यवसायों को बिना किसी बाधा के एक-दूसरे के साथ व्यापार करने में सक्षम बनाने की जरूरत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने पिछले महीने दिल्ली में आयोजित एक बैठक में वर्ष के अंत तक भारत-यूरोपीय संघ एफटीए को पूरा करने में तेजी लाने पर सहमति व्यक्त की है.

यूरोपीय संघ के प्रमुख की यह यात्रा ऐसे समय पर हुई थी, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के तहत सभी देशों के खिलाफ टैरिफ में बढ़ोतरी कर रहे थे, फिलहाल ट्रंप द्वारा चीन को छोड़कर सभी देशों पर टैरिफ को 9 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया है.

प्रधानमंत्री मोदी और यूरोपीय संघ के अध्यक्ष ने संतुलित, महत्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए के लिए बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए अपनी-अपनी वार्ता टीमों को काम सौंपने की प्रतिबद्धता जताई. दोनों ने अधिकारियों से बाजार पहुंच बढ़ाने और व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए भरोसेमंद भागीदारों के रूप में काम करने के लिए कहा है.

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