गृह मंत्रालय ने दो आतंकी संगठनों को किया बैन, हरविंदर सिंह रिंदा भी आतंकी घोषित

वहीं दूसरी तरफ जम्मू और कश्मीर गजनवी फोर्स (जेकेजीएफ) केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशों, नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी और आतंकी हमलों को अंजाम देने में लिप्त पाया गया है. यह लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीक-उल-मुजाहिदीन, हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी आदि जैसे विभिन्न आतंकवादी संगठनों से अपने सदस्यों की भर्ती करता है.

home Ministry (Photo: PTI)

आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को एक और व्यक्ति और दो संगठनों को आतंकवादी/आतंकवादी संगठन घोषित कर बैन कर दिया है. गृह मंत्रालय ने हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा को आतंकवादी घोषित किया है. वहीं खालिस्तान टाइगर फोर्स और जम्मू और कश्मीर गजनवी फोर्स जैसे संगठनों को आतंकी संगठन घोषित कर बैन कर दिया है. यह भी पढ़ें: आई-टी विभाग ने कहा, बीबीसी परिसर में सर्वे के दौरान टैक्स में पाई गई गड़बड़ी

गृह मंत्रालय ने बताया कि हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा को आतंकवादी घोषित किया गया है। संधू आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़ा हुआ है और वर्तमान में सीमापार एजेंसियों के संरक्षण में पाकिस्तान के लाहौर में है और उसे विशेष रूप से पंजाब में विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है. इस घोषणा के साथ ही ये अब यूएपीए की चौथी अनुसूची में 54 घोषित आतंकवादी हैं.

वहीं केन्द्र सरकार ने यूएपीए के प्रावधानों के तहत आज दो संगठनों को भी आतंकी संगठन घोषित किया है। इनमें खालिस्तान टाइगर फोर्स और जम्मू और कश्मीर गजनवी फोर्स शामिल हैं. एक अधिकारी के मुताबिक खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) एक उग्रवादी संगठन है और इसका उद्देश्य पंजाब में दोबारा आतंकवाद फैलाना है और ये भारत की क्षेत्रीय अखंडता, एकता, राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती देता है और पंजाब में टारगेटेड हत्याओं सहित विभिन्न आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता है.

वहीं दूसरी तरफ जम्मू और कश्मीर गजनवी फोर्स (जेकेजीएफ) केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशों, नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी और आतंकी हमलों को अंजाम देने में लिप्त पाया गया है. यह लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीक-उल-मुजाहिदीन, हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी आदि जैसे विभिन्न आतंकवादी संगठनों से अपने सदस्यों की भर्ती करता है.

इन दोनों संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित करने के साथ अब अधिनियम की पहली अनुसूची के तहत कुल 44 घोषित आतंकवादी संगठन हो गए हैं.

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