हिमाचल प्रदेश की सड़कों पर नही चलेंगी 15 साल पुरानी स्कूल बसें, सरकार ने लिया फैसला

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: PTI)

शिमला:  हिमाचल प्रदेश ने स्कूली छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 15 साल से ज्यादा पुरानी स्कूल बसों को चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है और साथ ही चालकों की उम्र 60 साल तय कर दी है. एक अधिकारी ने रविवार को इस बात की जानकारी दी. सरकार के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, "सरकार ने बसों और कैब सहित सभी स्कूल वाहनों की अवधि 15 साल तय करने का फैसला किया है."

कांगड़ा जिले के नूरपुर में नौ अप्रैल को एक स्कूल बस दुर्घटना के मद्देनजर नियमों को सख्त बनाया गया है. इस हादसे में 28 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें नौ से 12 साल की उम्र के 24 बच्चे शामिल थे. इस संबंध में पिछले सप्ताह मुख्य सचिव (परिवहन) जगदीश शर्मा ने एक अधिसूचना जारी की थी. नए नियमों के मुताबिक, 60 वर्ष से अधिक आयु के चालकों द्वारा वाहन चलाने पर रोक लगा दी गई है, चालक के पास भारी वाहन चलाने का पांच साल का अनुभव होना चाहिए और हर साल चालक को अपनी आंखों की जांच भी करानी होगी.

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नए दिशानिर्देश परिवहन के सभी साधनों पर लागू होंगे, जिसमें बसें और छोटे वाहन जैसे कैब और वैन शामिल हैं. अधिसूचना के अनुसार, प्रत्येक स्कूल परिवहन वाहन में वाहन ट्रैकिंग सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे और 40 किमी प्रति घंटा की गति सीमा होनी चाहिए. इसके अलावा बस खिड़कियों पर ग्रिल का भी प्रावधान है. चालक और कंडक्टर अच्छी तरह से तैयार होने चाहिए और उन्हें अपने नाम का बैच भी पहनना होगा.

स्कूली छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए  में 15 साल से ज्यादा पुराने स्कूल वाहनों पर लगाया प्रतिबंध

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