Budget 2022: उच्च शिक्षण संस्थान लागू करेंगे नई शिक्षा नीति, बजट में 2477 करोड़ रुपये की हुई है वृद्धि
देश के विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों व अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में सकारात्मक बदलावों के लिए अधिक वित्तीय सहायता की आवश्यकता है. वहीं नई शिक्षा नीति के कई प्रावधानों को लागू करने के लिए भी विश्वविद्यालयों को बीते वर्षो के मुकाबले अधिक धनराशि चाहिए.
नई दिल्ली, 3 फरवरी : देश के विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों व अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में सकारात्मक बदलावों के लिए अधिक वित्तीय सहायता की आवश्यकता है. वहीं नई शिक्षा नीति के कई प्रावधानों को लागू करने के लिए भी विश्वविद्यालयों को बीते वर्षो के मुकाबले अधिक धनराशि चाहिए. विश्वविद्यालयों की इन आवश्यकताओं के मद्देनजर उच्च शिक्षा के बजट आवंटन में कुल मिलाकर 2477.7 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है. वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2022-23 में उच्च शिक्षा विभाग के बजट आवंटन में 2477.7 करोड़ रुपये यानी 6.46 प्रतिशत की समग्र वृद्धि हुई है. वित्त वर्ष 2022-23 में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग का कुल बजट आवंटन 40828.35 करोड़ रुपये है, जिसमें से योजना आवंटन 7454.97 करोड़ रुपये और गैर-योजना आवंटन 33373.38 करोड़ रुपये है.
गौरतलब है कि केंद्रीय बजट में शिक्षा मंत्रालय को वित्त वर्ष 2022-23 में 1 लाख 4277 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड बजट का आवंटन किया गया है. इस वर्ष शिक्षा मंत्रालय के बजटीय आवंटन में 11.86 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है जो कि वित्त वर्ष 2021-22 से 11053.41 करोड़ रुपये ज्यादा है. उच्च शिक्षा में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए बजट में घोषणा की गई है कि विज्ञान और गणित के लिए 750 वर्चुअल लैब,और सिम्युलेटेड लनिर्ंग एनवायर्नमेंट के साथ स्किल प्रदान करने के लिए 75 ई-प्रयोगशालाएं 2022-23 में स्थापित की जानी हैं. यह भी पढ़ें : Malegaon Blast Case: मालेगांव धमाका मामले में एक और गवाह बयान से पलटा, कहा- RSS नेताओं का नाम लेने के लिए ATS ने किया था मजबूर
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के मुताबिक एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक (एवीजीसी) प्रमोशन टास्क फोर्स की स्थापना की घोषणा भी एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है. इस उद्योग को बढ़ावा देने के अलावा, ये अनुभवात्मक लनिर्ंग में भी मदद करेगा. इसी प्रकार विभिन्न क्षेत्रों में मौजूदा पांच शैक्षणिक संस्थानों को शहरी नियोजन में 'उत्कृष्टता के केंद्रों' के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है. इन केंद्रों को शहरी नियोजन और डिजाइन में भारत के विशिष्ट ज्ञान के विकास के लिए 250 करोड़ रुपये की निधि प्रदान की जाएगी. एआईसीटीई अन्य संस्थानों में पाठ्यक्रम व गुणवत्ता को बेहतर करने और अर्बन प्लानिंग कोर्सेज तक पहुंच मुहैया करने बीड़ा उठाएगा.
वहीं उच्च शिक्षा के अलावा स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग भी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सबसे महत्वपूर्ण विभागों में से एक है. यही कारण है कि वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के बजट आवंटन में 8575.71 करोड़ रुपये यानी 15.63 प्रतिशत की कुल बढ़ोतरी हुई है. वित्त वर्ष 2022-23 में स्कूल शिक्षा और साक्षरता के लिए कुल बजट आवंटन 63449.37 करोड़ रुपये है. इसमें से योजना आवंटन 51052.37 करोड़ रुपये और गैर-योजना आवंटन 12397 करोड़ रुपये है.