
नई दिल्ली: देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक तिहाड़ जेल में इन दिनों सुरक्षा व्यवस्था को लेकर काफी सख्ती बरती जा रही है. हालिया सुरक्षा हालात के मद्देनज़र जेल परिसर में कई स्तरों पर निगरानी बढ़ा दी गई है. गैंगस्टर और आतंक के आरोपियों को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है, सूत्रों के अनुसार. जेल सूत्रों के अनुसार, खासतौर पर उन वार्ड्स में सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है, जहां खतरनाक अपराधियों और आतंकी मामलों के आरोपियों को रखा गया है. इनमें तहव्वुर राणा, छोटा राजन और नीरज बवाना जैसे हाई-प्रोफाइल नाम शामिल हैं. इन पर चौबीसों घंटे नजर रखी जा रही है.
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मल्टी-लेयर सुरक्षा और नए कैमरे
जेल प्रशासन ने सुरक्षा को और सख्त बनाने के लिए मल्टी-लेयर चेकिंग, अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे, और सख्त मॉनिटरिंग प्रोटोकॉल लागू किए हैं. जेल में मोबाइल सिग्नल जैमर भी अपग्रेड किए जा रहे हैं ताकि कोई भी अवैध संचार जेल से बाहर न हो सके.
एक जेल अधिकारी ने बताया, "हर संवेदनशील बैरक में दिन में कम से कम तीन बार अचानक तलाशी ली जा रही है. सभी कमज़ोर बिंदुओं की पहचान कर उन्हें मज़बूत किया जा रहा है."
रात की निगरानी और इंटेलिजेंस एक्टिव
रात के समय जेल स्टाफ की तैनाती बढ़ा दी गई है और कैदियों की हर गतिविधि पर खास नजर रखी जा रही है. इसके अलावा जेल के अंदर मौजूद खुफिया नेटवर्क को सक्रिय कर दिया गया है. जेल के सूत्रों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने का आदेश है.
बाहरी एजेंसियों से तालमेल
तिहाड़ प्रशासन और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल समेत अन्य जांच एजेंसियों के बीच लगातार संपर्क बना हुआ है. साझा सूचनाओं के आधार पर जेल की सुरक्षा व्यवस्था को लगातार अपडेट किया जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि, "जब तक सुरक्षा स्थिति की पूरी समीक्षा नहीं हो जाती, तब तक यह कड़ा पहरा जारी रहेगा."
भारत की सबसे बड़ी जेलों में से एक है तिहाड़
1958 में स्थापित, तिहाड़ जेल भारत की सबसे बड़ी जेलों में से एक है. यह परिसर 400 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें नौ जेलें शामिल हैं. जिनमें एक रोहिणी और छह मंडोली में स्थित हैं. यहां देशभर के हाई-प्रोफाइल कैदियों को रखा जाता है, जिससे इसकी सुरक्षा हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है.