नई दिल्ली, 13 सितंबर: दिल्ली नगर निगम (MCD) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को अवगत कराया है कि उसने जी20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों के दौरान पकड़े गए आवारा कुत्तों को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अदालत एक पशु कार्यकर्ता द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और हाल ही में जी20 शिखर सम्मेलन जैसे विशेष कार्यक्रमों के दौरान आवारा कुत्तों के साथ व्यवहार के बारे में चिंता जताई गई थी. यह भी पढ़ें: Neelkanth Birds Killed: 20 नीलकंठ पक्षियों को जहर देकर मारा, 2 लोगों के खिलाफ बदायूं में दर्ज हुई FIR
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) को आवारा कुत्तों को पकड़ने और छोड़ने के दौरान पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 के तहत सभी प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 आवारा कुत्तों को पकड़ने और छोड़ने के लिए एक विस्तृत तंत्र प्रदान करता है. इन नियमों में नंबरदार कॉलर वाले पकड़े गए कुत्तों की तुरंत पहचान करने, उचित रिकॉर्ड बनाए रखने और उन्हें उसी इलाके में छोड़ने की आवश्यकता शामिल है जहां से उन्हें पकड़ा गया था.
एमसीडी के वकील ने अदालत को आश्वासन दिया कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान पकड़े गए कुत्तों को रिहा करने की प्रक्रिया चल रही है, जिसकी पुष्टि एडब्ल्यूबीआई के वकील ने एक बयान से की. अदालत ने आवारा कुत्तों को पकड़ने और छोड़ने के संबंध में पशु जन्म नियंत्रण नियमों के सख्त अनुपालन के महत्व पर जोर दिया.
इसके बाद अदालत ने विशेष आयोजनों और सामान्य तौर पर आवारा कुत्तों के साथ मानवीय व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए इन नियमों के पालन की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए जनहित याचिका का निपटारा कर दिया.