Hathras Stampede Case: 121 लोगों की हुई थी मौत, न्यायिक जांच रिपोर्ट में भोले बाबा को क्लीन चिट

लखनऊ, 21 फरवरी : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 2 जुलाई 2024 को हुए भगदड़ कांड में न्यायिक आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. इस दर्दनाक हादसे में 121 लोगों की जान गई थी, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे. आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इस घटना के लिए आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया है, साथ ही प्रशासन और पुलिस की लापरवाही को भी गंभीर चूक के रूप में चिन्हित किया है. रिपोर्ट को अब कैबिनेट में पेश किया गया और सदन में रखने की मंजूरी भी दी गई है. अधिकारियों के अनुसार, यह रिपोर्ट अब राज्य सरकार की ओर से उचित कार्रवाई के लिए अनिवार्य मानी जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.

हाथरस जिले में हुए भयंकर भगदड़ कांड की जांच रिपोर्ट में आयोजकों की लापरवाही को प्रमुख कारण बताया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, जिस सत्संग में यह दर्दनाक हादसा हुआ, वहां आयोजकों ने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया था. इस घटना में शामिल कथावाचक 'भोले बाबा' को जांच में पूरी तरह से दोषमुक्त ठहराया गया है. जांच आयोग ने स्पष्ट किया कि बाबा का घटना से कोई संबंध नहीं था. आयोग ने यह भी कहा कि असल कारण आयोजकों का कुप्रबंधन और स्थल पर भीड़ की अत्यधिक संख्या थी, जिसने भगदड़ को जन्म दिया. न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह स्वीकार किया कि घटनास्थल पर मौजूद लोगों की संख्या अनुमान से कहीं अधिक थी, जिसके कारण सुरक्षा उपायों को पर्याप्त रूप से लागू नहीं किया जा सका और भगदड़ मच गई. यह भी पढ़ें : Threat to Bomb Eknath Shinde’s Car: मुंबई में एकनाथ शिंदे की गाड़ी को बम से उड़ाने की धमकी मामले में दो लोग गिरफ्तार

रिपोर्ट के अनुसार, आयोजकों की लापरवाही को इस हादसे का प्रमुख कारण माना गया. आयोग ने आगे कहा कि आयोजन स्थल पर भीड़ की संख्या को लेकर सही आंकड़े नहीं जुटाए गए, जिसके चलते सुरक्षा बलों की तैनाती भी कम थी. इस हादसे के बाद अब आयोग ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े प्रावधान लागू करने की सिफारिश की है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आयोजकों को अपनी जिम्मेदारियों का गंभीरता से पालन करना चाहिए और भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए बेहतर योजना और सुरक्षा इंतजामों की जरूरत है.

2 जुलाई 2024 को हाथरस के सिकंदराराउ क्षेत्र स्थित फूलराई गांव में भोले बाबा उर्फ नारायण सरकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी. यह घटना उस समय घटी जब हजारों की संख्या में लोग सत्संग में भाग लेने पहुंचे थे. भीषण गर्मी और उमस की वजह से भीड़ में भगदड़ मच गई, जिससे यह हादसा हुआ.

राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के रिटायर जज बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था. आयोग के सदस्यों में रिटायर आईपीएस अधिकारी भावेश कुमार सिंह और रिटायर आईएएस अधिकारी हेमंत राव को भी शामिल किया गया था. आयोग को हादसे के पीछे साजिश होने के प्रमाण मिले हैं कि नहीं, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है.