Hathras Gangrape Case: हाथरस मामले में भीम आर्मी प्रमुख ने मांगा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा, "यह प्रशासन नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का काम है, जिन्होंने मीडिया और राष्ट्रीय व राजनीतिक नेताओं सहित सभी के लिए प्रवेश वर्जित कर दिया है. मैं सभी सफाई कर्मचारियों से काम बंद करने और इस सरकार को गंदगी में छोड़ने की अपील करता हूं".

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद (Photo Credits: ANI)

Hathras Gangrape Case: हाथरस की सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता (Hathras Gangrape) की मौत को लेकर जारी सियासत और हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है. राष्ट्रीय राजधानी के लोगों ने शुक्रवार को 2012 के दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म मामले की यादों को ताजा करते हुए हाथरस में हुई भयानक दुष्कर्म की वीभत्स घटना के विरोध में जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर विरोध प्रदर्शन किया. जंतर मंतर पर एकत्रित होने वाले समूहों में चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) की भीम आर्मी और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सदस्य शामिल रहे, जो कि दुष्कर्म घटना के विरोध में हाथों में पोस्टर लेकर पहुंचे थे. उन्होंने हाथरस पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए.

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा, "यह प्रशासन नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का काम है, जिन्होंने मीडिया और राष्ट्रीय व राजनीतिक नेताओं सहित सभी के लिए प्रवेश वर्जित कर दिया है. मैं सभी सफाई कर्मचारियों से काम बंद करने और इस सरकार को गंदगी में छोड़ने की अपील करता हूं".

उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस पर दलित लड़की के कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के बाद रात में हाथरस प्रशासन द्वारा हड़बड़ी में परिजनों की गैर-मौजूदगी में उसका दाह संस्कार करने के तरीके पर निशाना साधा जा रहा है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग करते हुए आजाद ने कहा कि यह घटना 2012 के दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म मामले की दर्दनाक यादें वापस ले आई है. इसके अलावा अभिनेत्री स्वरा भास्कर और वकील प्रशांत भूषण जैसी हस्तियां भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं. यह भी पढ़ें: Hathras Gangrape Case: हाथरस मामले को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर सैकड़ों लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन, सीएम केजरीवाल भी हुए शामिल

अभिनेत्री ने कहा, "हाथरस पीड़िता के साथ दुष्कर्म पहला अपराध था. दूसरा अपराध उप्र में प्रशासन की निष्क्रियता था. हम उप्र सरकार द्वारा गठित एसआईटी के बजाय निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग करते हैं, क्योंकि हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और आशा है कि न्याय दिया जाएगा."

पीड़िता के गांव में जाने के लिए मीडिया और राजनीतिक नेताओं को अनुमति नहीं दी जा रही है और पुलिस ने गांव को सील कर दिया है. इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने गुरुवार को हाथरस की घटना का संज्ञान लिया और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया.

राज्य सरकार ने गुरुवार को कहा कि फोरेंसिक रिपोर्ट से पता चला है कि दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ने वाली 19 वर्षीय लड़की का दुष्कर्म नहीं हुआ है. कानून एवं व्यवस्था एडीजी प्रशांत कुमार ने दावा किया कि फोरिंसिक रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता की मौत का कारण गर्दन पर आई गहरी चोट है.

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