हार्दिक पटेल को तगड़ा झटका: गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका, नहीं लड़ सकेंगे लोकसभा चुनाव

हाल ही में कांग्रेस का दामन थामने वाले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को गुजरात हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है. कोर्ट ने शुक्रवार को निचली अदालत से मिली सजा पर रोक लगाने संबंधी हार्दिक की याचिका को खारिज कर दिया.

हार्दिक पटेल को 2 साल की जेल (Photo Credit: PTI)

अहमदाबाद: हाल ही में कांग्रेस का दामन थामने वाले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को गुजरात हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है. कोर्ट ने शुक्रवार को निचली अदालत से मिली सजा पर रोक लगाने संबंधी हार्दिक की याचिका को खारिज कर दिया. इस वजह से लोकसभा चुनाव में हार्दिक अब बतौर कांग्रेस उम्मीदवार नहीं उतर पाएंगे.

गुजरात हाईकोर्ट ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के पूर्व नेता हार्दिक पटेल को दंगा भड़काने के आरोप में निचली अदालत से मिली सजा को रद्द करने से मना कर दिया है. हार्दिक ने आठ मार्च को याचिका दाखिल कर सजा रोकने की मांग की थी.

हार्दिक ने हाल ही में जामनगर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी साथ ही कांग्रेस पार्टी हाईकमान को उन्हें वहां से चुनाव लड़ने की अनुमति देने का आग्रह किया था. लेकिन अब कोर्ट के फैसले के बाद उनका यह सपना टूट गया है.

गुजरात में पटेल आंदोलन की ढाई वर्षो तक अगुवाई करने वाले हार्दिक ने कहा था कि, "मैंने जामनगर से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. लेकिन पार्टी को निर्णय लेने दीजिए कि क्या किया जाना चाहिए. मुझे पार्टी जो भी भूमिका देगी, मैं निभाने के लिए तैयार हूं. परिपक्वता व संजीदगी के साथ मैं कांग्रेस में शामिल हुआ हूं."

गुजरात की एक अदालत ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के पूर्व नेता हार्दिक पटेल और उनके सहयोगियों को 2015 में मेहसाणा जिले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ करने के आरोप में दो साल कैद की सजा सुनाई थी.

सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में पाटीदार युवाओं के लिए आरक्षण की मांग के लिए एक रैली निकाली गई थी जो विसनगर में हिंसक हो गई, जिसके बाद कार्यालय में तोड़फोड़ हुई थी. करीब तीन से पांच हजार लोगों की भीड़ ने बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में तोड़फोड़ की थी. जिसके बाद हार्दिक पटेल और उनके सहयोगियों के खिलाफ आगजनी, दंगा करने और आपराधिक साजिश के तहत केस दर्ज किया गया था.

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