नई दिल्ली: भारत सरकार ने अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के कुछ हिस्सों में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम-अफस्पा (Armed Forces Special Powers Act) को 1 अक्टूबर 2023 से अगले साल मार्च तक बढ़ा दिया है. सरकार ने इन जिलों की सुरक्षा का रिव्यू करने बाद यह कदम उठाया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 के तहत "अशांत क्षेत्र" का दर्जा 6 महीने के लिए बढ़ा दिया. केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा दोनों राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद यह कदम उठाया गया है. पाकिस्तान में पश्तूनों पर जारी है अत्याचार, नरसंहार और सेना की तानाशाही के खिलाफ स्विटजरलैंड में प्रदर्शन.
गृह मंत्रालय ने इसे लेकर एक अधिसूचना जारी की है. इसके मुताबिक केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों में अफस्पा को 1 अक्टूबर 2023 से लेकर 30 मार्च 2024 तक के लिए बढ़ाया है. इसके अलावा नागालैंड में दीमापुर, निउलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिरे, नोकलाक, फेक और पेरेन जिले और कोहिमा जिले में खुजामा, कोहिमा उत्तर, कोहिमा दक्षिण, मोकोकचुंग जिले में मंगकोलेम्बा, मोकोचुंग-I, लोंगथो, तुली, लोंगकेम सहित कई क्षेत्रों में अफस्पा को मार्च 2024 तक बढ़ाया गया है.
गृह मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन
MHA issues notification | Dimapur, Niuland, Chumoukedima, Mon, Kiphire, Noklak, Phek and Peren districts in Nagaland and the areas in Nagaland falling within the jurisdiction of Khuzama, Kohima North, Kohima South, Zubza and Kezocha PS in Kohima district; Mangkolemba,… pic.twitter.com/0DSPyoDcN3
— ANI (@ANI) September 26, 2023
क्या है AFSPA?
AFSPA सुरक्षा बलों को किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने, बिना वारंट के परिसर में प्रवेश करने या तलाशी लेने और अन्य कार्रवाई करने का अधिकार देता है. पूर्वोत्तर में सुरक्षाबलों की मदद करने के लिए 11 सितंबर 1958 को अफस्पा कानून को पास किया गया था. 1989 में जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बढ़ा तो यहां 1990 में अफस्पा लागू कर दिया गया. अफस्पा केवल अशांत क्षेत्रों में ही लागू होता है. अशांत क्षेत्र कौन होंगे ये केंद्र सरकार ही तय करती है.