नई दिल्ली: गंगा को प्रदूषित होने से बचाने के लिए मोदी सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया है. केन्द्र सरकार ने गंगा नदी के लिए न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह (ई-फ्लो) की अधिसूचना जारी कर दी है. इससे पवित्र गंगा में सालभर पानी का निरंतर प्रवाह होता रहेगा. जिसकी वजह से गंगा की धारा बढेगी तो उसके आसपास की गंदगी भी साफ होती रहेगी और परिणामस्वरूप गंगा तेजी से प्रदूषण-मुक्त बनेगी.
केन्द्रीय गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि ई-फ्लो की अधिसूचना जारी हो जाने से गंगा में ‘अविरल प्रवाह’ को सुनिश्चित करने में काफी मदद मिलेगी. ‘अविरल और निर्मल गंगा’ के लिए सरकारी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए गडकरी ने यह जानकारी दी कि गंगा अधिनियम के मसौदे को मंजूरी के लिए शीघ्र ही कैबिनेट के पास भेजा जाएगा.
गडकरी ने कहा, ‘यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण है. गंगा के ई-फ्लो को अधिसूचित करने के बारे में चर्चाएं लम्बे समय से हो रही थीं. हमने नदी में प्रवाह की न्यूनतम मात्रा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है.’
गंगा के ई-फ्लो के लिए केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की है।गंगा के मुख्यधारा का विस्तार किया जाएगा यह पर्यावरण और माँ गंगा की अविरलता के लिए ये महत्वपूर्ण पहल है।आज मीडिया को इसकी जानकारी दी।( साथ में प्रेस वार्ता की लिंक)https://t.co/uCjRkAXRAT pic.twitter.com/N065VctT6e
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) October 10, 2018
ई-फ्लो क्या है-
यह नदी के अविरल प्रवाह को बनाये रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. ई-फ्लो के तहत नदी में विभिन्न स्थानों पर पानी का स्तर नियत्रित किया जाता है. जिससे नदी में हमेशा पानी रहे और प्रवाहित होता रहे. पर्यावरणीय प्रवाह दरअसल वह स्वीकार्य प्रवाह है जो किसी नदी को अपेक्षित पर्यावरणीय स्थिति अथवा पूर्व निर्धारित स्थिति में बनाये रखने के लिए आवश्यक होता है.
सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना से यह सुनिश्चित होगा कि सिंचाई, पनबिजली, घरेलू एवं औद्योगिक उपयोग इत्यादि से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं एवं संरचनाओं के कारण नदी का प्रवाह किसी अन्य तरफ मुड़ जाने के बावजूद नदी में जल का न्यूनतम अपेक्षित पर्यावरणीय प्रवाह निश्चित रूप से बरकरार रहेगा.